Last Updated: Wednesday, October 19, 2011, 18:08
नई दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्रालय ने डीजल की दोहरी मूल्यनीति को बुद्धवार को खारिज करते हुए कहा कि यह व्यावहारिक नहीं है। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि उसकी घरेलू रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी समाप्त करने की कोई मंशा नहीं है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जयपाल रेड्डी ने बुद्धवार को आर्थिक संपादकों के सम्मेलन में पूछे गए सवाल पर कहा, डीजल पर दोहरी मूल्यनीति व्यावहारिक नहीं है, हम डीजल की दोहरी मूल्य प्रणाली शुरु नहीं कर सकते हैं इससे बाजार में दुरुपयोग बढ़ेगा। पिछले दिनों लक्जरी डीजल कारों के लिए डीजल का बाजार मूल्य रखे जाने का विचार आया था।
तेल विपणन कंपनियां इस समय डीजल को उसकी वास्तविक लागत से 7.06 रुपए प्रति लीटर सस्ता बेच रही हैं। वर्ष के दौरान कंपनियों को केवल डीजल बिक्री पर ही 67,000 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। कुल सब्सिडी 1,21,571 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
रेड्डी ने मौजूदा परिस्थितियों में तेल विपणन कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर चिंता जतायी और कहा कि उन्होंने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर डीजल की बढ़ती खपत पर चिंता व्यक्त की है। विशेषकर डीजल से चलने वाली लक्जरी और स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) की बढ़ती संख्या को लेकर उन्होंने चिंता जताई और ऐसी कारों पर ड्यूटी बढ़ाने का सुझाव दिया।
उन्होंने कहा 15 प्रतिशत डीजल लक्जरी व्यक्तिगत कारों में खपत हो रहा है। रेड्डी ने कहा, 15 प्रतिशत डीजल की खपत व्यक्तिगत डीजल कारों में हो रही है, यहां तक कि मोबाइल टावर में भी डीजल का इस्तेमाल किया जा रहा है, वह हमारी प्राथमिकता सूची में नहीं है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, October 19, 2011, 23:38