डीजल को नियंत्रणमुक्त करने में सभी पहलुओं को देखने की जरुरत: चिदंबरम--Diesel deregulation: Need to look into dimensions of issue, says FM

डीजल को नियंत्रणमुक्त करने में सभी पहलुओं को देखने की जरुरत: चिदंबरम

डीजल को नियंत्रणमुक्त करने में सभी पहलुओं को देखने की जरुरत: चिदंबरमनई दिल्ली : वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज कहा कि डीजल मूल्य को नियंत्रणमुकत करने के बारे में निर्णय लेने से पहले सरकार को इससे जुड़े सभी पहलुओं को देखना होगा। डीजल को नियंत्रणमुक्त करने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा ‘‘सरकार को इस बारे में निर्णय लेने से पहले इससे जुड़े विभिन्न मुद्दों को देखना होगा।’’ वित्त मंत्री ने कहा डीजल से जुड़ा मुद्दा व्यापक दायरे वाला है। कुछ लोग इसे नियंत्रणमुक्त करने की वकालत करते हैं तो कुछ का कहना है कि इससे मुद्रास्फीति बढ़ेगी। ‘‘एक समाचार पत्र में आप कहेंगे कि डीजल को नियंत्रणमुक्त किया जाना चाहिये जबकि दूसरे समाचार पत्र में लिखा होगा कि मुद्रास्फीति बढ़ेगी। ये मुद्दे व्यापक पहलुओं वाले हैं, आप ऐसे मुद्दे को केवल एक पहलू से नहीं देख सकते।’’ थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति नवंबर में 7.24 प्रतिशत रही है। हालांकि यह रिजर्व बैंक के सामान्य स्तर 5..6 प्रतिशत से अभी भी काफी उपर है।

सरकार ने बजट पर सब्सिडी बोझ कम करने के लिये वर्ष 2010 में डीजल के दाम नियंत्रणमुकत करने का सिद्धांत रुप से निर्णय लिया था, लेकिन राजनीतिक दबाव की वजह से इसे अमल में नहीं लाया जा सका। यह निर्णय किरीट पारिख समिति की सिफारिशों पर लिया गया था।

दिल्ली में इस समय डीजल का दाम 47.15 रुपये प्रति लीटर है। इस साल 14 सितंबर को इसके दाम में संशोधन किया गया और इसमें 5.63 रुपये लीटर की वृद्धि की गई। सरकार ने अप्रैल से सितंबर की अवधि में तेल विपणन कंपनियों को लागत से कम दाम पर डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल की बिक्री करने से हुये नुकसान की भरपाई के लिये 30,000 करोड़ रुपये की मदद दी है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, January 2, 2013, 16:56

comments powered by Disqus