Last Updated: Friday, January 18, 2013, 18:18

नई दिल्ली : डीजल की नई मूल्य नीति से रेलवे को प्रति लीटर ईंधर पर पौने ग्यारह रुपए से अधिक खर्च करने पड़ेंगे और परिवहन क्षेत्र के इस सबसे बड़े संगठन पर सालाना करीब 2700 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ आएगा।
रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा,‘हमें अब 10.80 रुपए प्रति लीटर और भुगतान करना पड़ेगा क्योंकि डीजल का थोक मूल्य बढ़ गया है। इस मूल्य वृद्धि के चलते ईंधन का बिल प्रतिवर्ष करीब 2700 करोड़ रुपए अधिक आएगा।’
सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कपंनियों को थोक क्रेताओं के लिए डीजल के मूल्य खुद तय करने की अनुमति कल दे दी ताकि सब्सिडी बिल और बजट घाटे में कमी लाई जा सके। तेल कंपनियों ने दरें बढ़ाते हुए दोहरी मूल्य निर्धारण पद्धति की घोषणा की है।
जहां खुदरा उपभोक्ताओं को प्रति लीटर 50 पैसे का भुगतान और करना होगा, वहीं थोक ग्राहकों के लिए यह मूल्यवृद्धि 10 रुपए प्रति लीटर की है।
रेलवे ने बीते वित्त वर्ष में करीब 10,000 करोड़ रुपए ईंधन बिल का भुगतान किया। उन्होंने कहा कि डीजल मूल्य में वृद्धि ऐसे समय में की गई है जब रेलवे को नकदी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे जहां यात्री किराया और माल भाड़े से आय के जरिए लक्ष्य पूरा करने में नाकाम रही है, वहीं इस साल वाषिर्क योजना आबंटन 60,000 करोड़ रुपए से घटाकर 51,000 करोड़ रुपए कर दिया गया है। (एजेंसी)
First Published: Friday, January 18, 2013, 18:18