Last Updated: Friday, September 21, 2012, 21:12

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को कहा कि घाटे की भरपाई के लिए डीजल मूल्य में प्रति लीटर 17 रुपये की वृद्धि करने की जरूरत थी और सरकार ने इसका कुछ ही हिस्सा आम आदमी के कंधे पर डाला है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि डीजल पर घाटे की भरपाई के लिए कीमत में 17 रुपये प्रति लीटर वृद्धि की जरूरत थी, जिसकी जगह हमने सिर्फ पांच रुपये वृद्धि की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारी मात्रा में डीजल का उपयोग बड़ी करों और स्पोर्ट्स यूटिलिटी वाहनों द्वारा किया जाता है, जो अमीर लोग या कम्पनियों के पास होता है।
उन्होंने कहा कि क्या सरकार को उन्हें रियायत देकर भारी वित्तीय घाटा वहन करना चाहिए।
मनमोहन सिंह ने कहा कि डीजल और रसोई गैस की कीमतों में हाल की वृद्धि के बाद भी देश में इसकी कीमत पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल जैसे देशों से कम है।
उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों पर कुल रियायत अब भी 160 हजार करोड़ रुपये होगा। यह स्वास्थ्य और शिक्षा पर संयुक्त रूप से होने वाले खर्च से अधिक है। हमने कीमतों को और इसलिए नहीं बढ़ाया, क्योंकि मुझे उम्मीद है कि तेल की कीमत घटेंगी। (एजेंसी)
First Published: Friday, September 21, 2012, 21:12