Last Updated: Tuesday, September 11, 2012, 13:32

नई दिल्ली : राजनैतिक मामलों से जुड़ी मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपीए) की आज शाम होने वाली बैठक में डीजल, रसोई गैस और केरोसिन की कीमत बढ़ाने के संबंध में चर्चा होगी लेकिन पेट्रोलियम मंत्रालय को इस बारे में संदेह है कि एक ही बैठक में इस संबंध में फैसला कर सकेगा।
पेट्रोलियम मंत्रालय के एक सूत्र ने यहां कहा, सब्सिडी के बोझ पर नियंत्रण के लिए परिवर्तनकारी फैसला लेने की जरूरत है लेकिन संप्रग और परिवर्तनकारी फैसले में बहुत सामंजस्य नहीं है। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाले सीसीपीए के सदस्यों को एक पत्र जारी किया है जिसमें कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी और अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपए के मूल्य में कमी से पैदा संकट का ब्यौरा दिया गया है।
उन्होंने कहा, हमने कीमत में बढ़ोतरी के संबंध में कोई सुझाव नहीं दिया है। इस पर चर्चा जरूर होगी लेकिन फैसला हो ही जाएगा यह तय नहीं है। सरकारी तेल कंपनियों को नियंत्रित दर पर डीजल और रसोई गैस और अन्य ईंधन की बिक्री से रोजाना 560 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है और पेट्रोल पर 16 रुपए प्रतिदिन का नुकसान हो रहा है। यदि कीमत नहीं बढ़ाई गई तो सरकारी तेल कंपनियों को चालू वित्त वर्ष में 2,00,000 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 11, 2012, 13:32