‘डॉयल को जमीन देने पर कैग की रिपोर्ट भ्रामक’

‘डॉयल को जमीन देने पर कैग की रिपोर्ट भ्रामक’

‘डॉयल को जमीन देने पर कैग की रिपोर्ट भ्रामक’
नई दिल्ली : नागरिक विमानन मंत्रालय ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट को गुमराह करने वाला करार दिया है। इस रिपोर्ट में कैग ने कहा है कि दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लि. (डायल) को रियायती दरों पर पट्टे पर जमीन दिए जाने से सरकार को 1.63 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा।

मंत्रालय ने कहा कि कैग ने उसके अधिकारियों के साथ एक दौर की बातचीत में कई मसलों मसलन भूमि, एयरोनाटिकल, नॉन एयरोनाटिकल सेवाओं तथा बोली की शर्तों का जिक्र नहीं किया।

नागरिक विमानन सचिव नसीम जैदी ने कैग विनोद राय को लिखे पत्र में कहा है कि कैग की मसौदा रिपोर्ट में इन मुद्दों को शामिल किया गया है, जबकि ये मसले ऐसे हैं जिन पर या तो विचार विमर्श नहीं हुआ या फिर मंत्रालय को इन पर स्थिति स्पष्ट करने का मौका नहीं दिया गया।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने कहा है कि उसे स्पष्टीकरण का मौका नहीं दिया गया। ऐसे में अंतिम रिपोर्ट में शामिल किए गए मुद्दे तथ्यात्मक दृष्टि से सही नहीं हैं।

जैदी द्वारा राय को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि कैग के निष्कर्षों में कुछ ऐसे मुद्दों को शामिल किया गया है, जिन पर आडिट के दौरान विचार नहीं हुआ। समझा जाता है कि पत्र में जैदी ने कहा है कि रिपोर्ट में जो 1,63,560.19 करोड़ रुपये का आंकड़ा दर्शाया गया है, वह वास्तव में गुमराह करने वाला है। समझा जाता है कि मंत्रालय ने कैग ने इन मुद्दों पर स्पष्टीकरण जारी करने को कहा है। साथ ही उसने कहा है कि आडिटर द्वारा उठाए गए मुद्दों पर उसे स्पष्टीकरण का मौका दिया जाए।

नागरिक विमानन मंत्रालय ने पत्र में कहा है कि 1.63 लाख करोड़ रुपये की डायल की आमदनी का जो अनुमान लगाया गया है वह 58 साल की अवधि के लिए है। मंत्रालय ने कहा है कि भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) को इस अवधि में कुल सकल राजस्व का 46 प्रतिशत मिलेगा। समझा जाता है कि एएआई ने कैग को बताया है कि इस अवधि में यह राशि 3 से 4 लाख करोड़ रुपये बैठेगी। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, July 3, 2012, 13:01

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