Last Updated: Saturday, May 18, 2013, 13:47

नयी दिल्ली : विदेशी निवेशकों को भरोसा है कि अगले छह माह में रुपया डालर की तुलना में मजबूत होगा। हालांकि विदेशी निवेशकों को चालू खाते का घाटा प्रमुख जोखिम के रूप में दिख रहा है, लेकिन उनका मानना है कि डालर 55 रुपए के नीचे ही रहेगा। वैश्विक बैंक बार्कले की एक अनुसंधान रपट के अनुसार रुपये को लेकर ज्यादातर निवेशकों का रुख सकारात्मक है। उनका मानना है कि अगले छह माह में रुपया मौजूदा स्तर पर टिका रहेगा या फिर मजबूत होगा।
हालांकि, चालू खाते के घाटे को वृहद आर्थिक जोखिम माना जा रहा है। 29 अप्रैल से 10 मई के दौरान किए गए सर्वेक्षण में 40 निवेशकों के विचार लिए गए। 70 फीसद का कहना था कि वे निवेश कर चुके हैं या करने जा रहे हैं। वहीं 88 फीसद की राय थी कि अगले छह माह के समय में डालर के साथ रुपये की विनियम दर 55 के नीचे रहेगी।ऋण बाजारों पर केंद्रित सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारतीय ऋण पत्रों ने उभरते एशिया के बांड से बेहतर प्रदर्शन किया है।
भारत सरकार के बांड में निवेश में सबसे बड़ी बाधा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का पंजीकरण तथा जटिल नियम हैं। करीब 83 फीसद निवेशकों का कहना था कि पंजीकरण प्रक्रिया और जटिल नियम उनके रास्ते की सबसे बड़ी बाधा हैं। (एजेंसी)
First Published: Saturday, May 18, 2013, 13:47