Last Updated: Friday, December 16, 2011, 06:45
नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक के अपनी प्रमुख दरों में परिवर्तन न करने के फैसले का स्वागत करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा कि इससे व्यापार में सुधार एवं आर्थिक विकास को गति देने में मदद मिलेगी। संवाददाताओं से बातचीत में मुखर्जी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि शुक्रवार की घोषणा से विकास की गति को दोबारा पाने में मदद मिलेगी और वित्त वर्ष 2011-12 की शेष अवधि में वृहद आर्थिक मापदंडों में भी सुधार होगा।
केंद्रीय बैंक के इस कदम का स्वागत करते हुए मुखर्जी ने कहा कि रिजर्व बैंक ने मंद पड़ते विकास से निपटने को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने कड़ी मौद्रिक नीति का अपना रुख बदल दिया है। रेपो दर सहित कोई भी नीतिगत बदलाव नहीं किया गया है। गवर्नर ने विकास पर ध्यान केंद्रित किया है, जो पिछले कुछ माह में बदलता रहा है।
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को रिजर्व बैंक द्वारा नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखने के फैसले का स्वागत किया और उम्मीद जाहिर की कि मुद्रास्फीति आने वाले हफ्तों में और घटेगी। चालू वित्त वर्ष के शेष महीनों में कारोबारी रुख और वृद्धि की रफ्तार सुधारने की जरूरत के मद्देनजर कड़ी ब्याज दर नीति के रिजर्व बैंक के रवैये में ताजा बदलाव दिखा है।
मुखर्जी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि मुझे भरोसा है कि आने वाले हफ्तों में मद्रुास्फीति और घटेगी इसलिए आज की घोषणा का स्वागत है। आर्थिक नरमी से चिंतित भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज नीतिगत दरें अपरिवर्तित रखीं। केंद्रीय बैंक ने रेपो दर :बैंक जिस दर पर आरबीआई से रिण लेते हैं: 8.5 फीसदी, रिवर्स रेपो (जिस दर पर आरबीआई बैंकों से ऋण लेता है) 7.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा था।
वित्त मंत्री ने रुपये की गिरावट और सट्टे पर लगाम लगाने के लिए आरबीआई द्वारा कल उठाए गए कदम का भी स्वागत किया। आरबीआई ने एफआईआई और कारोबारियों द्वारा मुद्रा के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध और विदेशी मुद्रा बाजार में बैंकों के कारोबार की भी सीमा तय कर रुपए की गिरावट को थामने की कोशिश की। मुखर्जी ने कहा कि मैं गवर्नर की विदेशी मुद्रा बाजार में सट्टे की गतिविधि पर लगाम लगाने की गवर्नर की कोशिश का भी स्वागत करता हूं। सट्टा उन प्रमुख कारकों में शामिल है जिनका अमेरिकी डालर के मुकाबले भारतीय रुपए में भारी गिरावट में योगदान रहा।
उन्होंने उम्मीद जताई कि आज की घोषणा से वित्त वर्ष 2011-12 की शेष अवधि में वृहत् आर्थिक पैमानों में सुधार के साथ भारत की वृद्धि को लीक पर लाने में मदद मिलेगी ।
(एजेंसी)
First Published: Friday, December 16, 2011, 18:19