Last Updated: Monday, June 17, 2013, 15:27
नई दिल्ली : रिजर्व बैंक द्वारा सोमवार को नीतिगत दरों में कटौती न किए जाने पर उद्योग जगत ने निराशा जताई है और कहा है कि आर्थिक वृद्धि प्रोत्साहन के लिए ब्याज दरों में कमी करने का यह उचित समय है।
उद्योग जगत ने उम्मीद जताई है कि जरूरत होने पर रिजर्व बैंक हस्तक्षेप करेगा और इसके लिए 30 जुलाई को घोषित की जाने वाली तिमाही मौद्रिक समीक्षा का इंतजार नहीं करेगा।
रिजर्व बैंक ने सोमवार को पेश मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा में अपने अल्पकालिक ऋण पर ब्याज दर ( रेपो दर) को 7.25 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है। केंद्रीय बैंक ने आरक्षित नकद अनुपात (सीआरआर) को भी 4 फीसद पर बनाए रखा है।
उद्योग मंडल सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा कि रिजर्व बैंक का नीतिगत दरों पर यथास्थिति कायम रखने का फैसला निराशाजनक है। ऐसे समय जबकि वृद्धि और मुद्रास्फीति दोनों ही मौद्रिक नीति में नरम किए जाने की ओर इशारा कर रही हैं केंद्रीय बैंक ने सतर्कता का रख अपनाया है। सीआईआई ने हालांकि उम्मीद जताई है कि रिजर्व बैंक जरूरत होने पर अगली तिमाही समीक्षा का इंतजार न करते हुए हस्तक्षेप करेगा। (एजेंसी)
First Published: Monday, June 17, 2013, 15:27