Last Updated: Wednesday, January 11, 2012, 07:42
हैदराबाद : महिंद्रा सत्यम अपने पूर्व निदेशक मंडल, कुछ कर्मचारियों तथा आडिट कंपनी पीडब्ल्यूसी के खिलाफ दायर मुकदमे में नुकसान को लेकर किए गए दावे को लेकर सतर्क रूख अपना रही है।
पूर्व में सत्यम कंप्यूटर के नाम से चर्चित कंपनी वापस नहीं होने वाले अधिक अदालती शुल्क के भुगतान से फिलहाल बच रही है। सूत्रों के अनुसार कंपनी को याचिका में कुल नुकसान के दावे का एक प्रतिशत बतौर अदालती शुल्क के रूप में देना है। मामलों के निपटान के बाद कंपनी से इस मद में और राशि मांगी जा सकती है।
कंपनी के पूर्व चेयरमैन बी. रामलिंग राजू तथा अन्य के खिलाफ स्थानीय अदालत में मामला खत्म हो जाने के बाद नुकसान का यह दावा काफी महत्वपूर्ण होगा। अगर फैसला आरोपियों के खिलाफ जाता है तो नुकसान का दावा मजबूत हो जाएगा। सूत्रों ने कहा कि अगर नुकसान हजारों करोड़ रुपये में होता है तो इसका एक प्रतिशत बड़ी राशि हो जाएगी। इतनी बड़ी राशि शुरू में देना बुद्धिमानी भरा फैसला नहीं होगा क्योंकि कंपनी को अभी उन कुछ मुद्दों के समाधान के लिए भुगतान करना है जिसके निपटान के लिए वह सहमत हो गई है।
सूत्रों ने कहा कि महिंद्रा सत्यम ने 123 लोगों को प्रतिवादी बनाया है। इसमें बी रामलिंग राजू, राम राजू, वी श्रीनिवास तथा राम मयनामपति तथा कृष्णा पालेपू समेत पूर्व निदेशक शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि 2009 में सत्यम के संस्थापक चेयरमैन बी रामलिंग राजू ने आईटी कंपनी में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की बात स्वीकार की थी।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, January 11, 2012, 13:12