Last Updated: Thursday, January 26, 2012, 07:54

दावोस : विश्व आर्थिक मंच के सहभागियों ने कहा कि कंपनियों को यदि कारोबार में बने रहना है, तो उन्हें नवाचार पर जोर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि नए करोबारी तौर तरीके नहीं अपनाने वाली कंपनियां या तो पीछे छूट जाएंगी या फिर कारोबार से बाहर हो जाएंगी।
सिस्को के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉन टी. चैम्बर्स ने कहा कि 1990 के दशक में लगभग 100 कम्पनियां हमारी प्रतियोगी थीं। आज सिर्फ दो बचे हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक उन्होंने कहा कि यदि कम्पनियां वे ही काम करती रहेंगी, जो वे हमेशा से करती रही हैं, तो वे पीछे छूट जाएंगी। उन्होंने कहा कि नए कारोबारी चलन को नहीं अपनाने वाली कम्पनियों की उम्र बस 15 साल होती हैं।
उन्होंने कैमरा बनाने वाली कम्पनी कोडक का उदाहरण दिया। कोडक की स्थापना 1888 में हुई थी। इसने आम आदमी को कैमरे से लैस कर उन्हें फोटो खींचने में सक्षम बना दिया और दुनिया में जानी पहचानी नाम हो गईं। लेकिन 1990 के दशक में डिजिटल कैमरा के तेजी से प्रसार के कारण आज उसे खुद को दीवालिया घोषित करना पड़ा। विश्व आर्थिक मंच में 100 देशों के करीब 2,600 प्रतिनिधि और सैकड़ों कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। सम्मेलन पांच दिन तक चलेगा।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, January 26, 2012, 15:26