Last Updated: Sunday, November 20, 2011, 05:19
नई दिल्ली: प्रमुख वैश्विक वित्तीय कंपनी सिटीग्रुप ने कहा है कि देश की सकल मुद्रास्फीति दिसंबर तक नौ फीसदी से उच्च स्तर पर बरकरार रहेगी और मार्च 2012 तक घटकर करीब 7.8 फीसदी पर आने का अनुमान है।
सिटी इन्वेस्टमेंट रिसर्च एंड एनालिसिस ने अपनी ताजा रपट में कहा, ‘मुद्रास्फीति नवंबर-दिसंबर तक नौ फीसदी से उपर बने रहने की आशंका है। इसके बाद मुख्य तौर पर बेस इफेक्ट पिछले वर्ष की समान अवधि में उच्च स्तर के कारण थोक मूल्य सूचकांक जनवरी-फरवरी के दौरान नौ फीसद से कम और वित्त वर्ष के अंत तक 7.8 फीसदी पर आने का अनुमान है।’
सिटी का मार्च तक मंहगाई दर के 7.8 फीसद पर आने का अनुमान रिजर्व बैंक के सात फीसद के अनुमान से अधिक है। मौद्रिक नीति की दूसरी तिमाही समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने अनुमान जाहिर किया था कि मार्च 2012 तक देश की मुद्रास्फीति सात फीसद पर आ जाएगी।
सकल मुद्रास्फीति दिसंबर 2010 से नौ फीसद से उपर बनी हुई है। ताजा आंकड़े के मुताबिक अक्तूबर में मुद्रास्फीति 9.73 फीसद पर रही।
मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए आरबीआई ने अपनी प्रमुख नीतिगत ब्याज दरों में मार्च 2010 से 13 बार बढ़ोतरी की है जिससे ब्याज दरों में पौने चार फीसद (375 आधार अंक) की बढ़ोतरी हुई। सिटी ने कहा कि मुद्रास्फीति के उच्च स्तर पर बने रहने से वृद्धि में गिरावट का जोखिम है।
(एजेंसी)
First Published: Sunday, November 20, 2011, 10:53