Last Updated: Thursday, September 12, 2013, 18:54
नई दिल्ली : प्रमुख अर्थशास्त्री जयंती घोष ने कहा कि दुनिया को एक और आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि कई विकासशील और विकसित देशों में अभी भी असंतुलन की स्थिति कायम है।
उन्होंने कहा, ‘कुछ देशों में अभी भी वैसा ही असंतुलन है जैसा कि 2008 में था। इस तरह के असंतुलन को सही तरीके से दुरुस्त किया जाना चाहिए। हम कुछ समय तक इसका प्रबंधन कर सकते हैं, लेकिन ऐसी स्थिति आएगी जरूर।’ अंक्टाड की व्यापार एवं विकास रिपोर्ट 2013 जारी करने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में घोष ने कहा, ‘मैं नहीं बता सकती कि यह संकट कब आएगा। यह छह माह में भी आ सकता, एक साल या तीन साल में भी।’ घोष जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं।
घोष ने कहा कि विकसित देशों ने जो रणनीति अपनाई है उससे पता चलता है कि वह उसी दर पर आयात को तैयार नहीं है जिसपर पहले करते रहे हैं। ‘अमेरिका का व्यापार घाटा कम हो रहा है। अमेरिका ज्यादा निर्यात और कम आयात कर रहा है। इसका शेष दुनिया पर व्यापक असर पड़ेगा, क्योंकि अमेरिका अपने आप में एक बड़ी अर्थव्यवस्था है।’ (एजेंसी)
First Published: Thursday, September 12, 2013, 18:54