Last Updated: Monday, July 2, 2012, 23:29

नई दिल्ली : कृषि मंत्री शरद पवार ने दूरसंचार क्षेत्र पर गठित अधिकार प्राप्त मंत्री समूह के अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया। तीन दिन पहले ही उन्हें पूर्व वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के स्थान पर इस मंत्री समूह का प्रमुख नियुक्त किया गया था।
समझा जाता है कि कृषि मंत्री ने खुद को विवादों में घसीटे जाने से बचने के लिए यह कदम उठाया।
पवार के नेतृत्व में आज ही इस अधिकार प्राप्त मंत्री समूह की पहली बैठक होनी थी। पहले उन्होंने यह बैठक रद्द की उसके बाद प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर याद दिलाया कि किस तरह उन्हें 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में घसीटने की कोशिश की गई थी। ऐसे में यह उचित होगा कि वह इस मंत्री समूह का नेतृत्व करने से पीछे हट जाएं। पवार ने बाद में एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री उन्हें दूरसंचार मंत्री समूह के चेयरमैन पद की जिम्मेदारी से मुक्त करने पर सहमत हो गए हैं।
उन्होंने कहा, मैं प्रधानमंत्री का इस बात के लिए आभारी हूं कि उन्होंने मुझे स्पेक्ट्रम खाली करने तथा 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से संबंधित अधिकार प्राप्त मंत्री समूह की अगुवाई करने की जिम्मेदारी सौंपी। साथ ही मुझे 22 सेवा क्षेत्रों में 2जी बैंड में लाइसेंस तथा स्पेक्ट्रम आवंटन की जिम्मेदारी देखनी थी। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने याद दिलाया कि किस तरह उन्हें पूर्व में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन विवाद में घसीटने की कोशिश की गई थी।
शरद पवार ने कहा कि ये आरोप गलत तथा दुर्भावना से प्रेरित थे, जिनका मैं जोरदार तरीके से खंडन करता हूं। मैं निजी या आधिकारिक रूप से इस क्षेत्र की निर्णय प्रक्रिया से किसी भी तरीके से जुड़ा नहीं था। उन्होंने कहा, फिलहाल की स्थिति में मुझे लगता है कि अधिकार प्राप्त मंत्री समूह के चेयरमैन के रूप में निर्णय लेने की किसी भी प्रक्रिया से जुड़ाव से कुछ निहित स्वार्थी तत्वों को फिर से मुझे विवाद में घसीटने का मौका मिलेगा। ऐसे में मुझे लगता है कि यह उचित होगा कि मैं खुद को इस पद से अलग रखूं। कृषि मंत्री को गत शुक्रवार को दूरसंचार पर अधिकार प्राप्त मंत्री समूह का प्रमुख नियुक्त किया गया था। (एजेंसी)
First Published: Monday, July 2, 2012, 23:29