Last Updated: Thursday, July 11, 2013, 17:15

नई दिल्ली : दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने गुरुवार को कहा कि वह दूरसंचार विभाग द्वारा 650 करोड़ रुपये के जुर्माने के नोटिस के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।
दूरसंचार विभाग ने रोमिंग नियमों के कथित उल्लंघन के आरोप में कंपनी को 650 करोड़ रपये का नोटिस थमाया था। कंपनी ने इस पर क्षोभ तथा निराशा जताई है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि भारती एयरटेल को दूरसंचार विभाग से मिले 650 करोड़ रपये के डिमांड नोटिस पर क्षोभ तथा निराशा है।
कंपनी के अनुसार उसे यह नोटिस 2000 और 2005 के दौरान अपने ग्राहकों को सबस्क्राइबर लोकल डायलिंग :एसएलडी: सेवा के लिए दिया गया है। विभाग ने पाया कि एयरटेल ने अपने रोमिंग ग्राहकों को राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय फोन कॉल को लोकल कॉल के रूप में रूट किया जबकि उसे 2003 में सेवा बंद करने को कहा गया था। इससे सरकारी खजाने तथा 13 सेवा क्षेत्रों में बीएसएनएल को नुकसान हुआ।
दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने दूरसंचार विभाग द्वारा कंपनी पर 50 करोड़ रपये प्रति सेवा क्षेत्र की दर से जुर्माना लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। वहीं कंपनी ने 650 करोड़ रुपये के जुर्माने को तथ्य व कानून के हिसाब से गलत बताया है। कंपनी के अनुसार इस आधारहीन जुर्माना आदेश के बाद उसके पास कानूनी लड़ाई लड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
कंपनी का दावा है कि एसएलडी सेवा से कुल राजस्व कुछ लाख रुपये था और दूरसंचार विभाग को भी इस तथ्य की जानकारी है। नियामक ने इस सेवा को ग्राहक अनुकूल तथा लाइसेंस शर्तों के अनुपालन वाला पाया था। एयरटेल के संयुक्त प्रबंध निदेशक गोपाल विट्टल ने नोटिस जारी होने से पहले इस मुद्दे पर विचार विमर्श के लिए सिब्बल को पत्र लिखा था। लेकिन दूरसंचार विभाग के विरोध के बीच इस पत्र का कोई जवाब नहीं दिया गया। (एजेंसी)
First Published: Thursday, July 11, 2013, 17:15