`देश को वैश्विक एजेंसियों से अच्छी ‘रेटिंग’ की जरूरत`

`देश को वैश्विक एजेंसियों से अच्छी ‘रेटिंग’ की जरूरत`

कोलकाता : केंद्रीय वित्त मंत्रालय के सलाहकार पार्थसारथी शोम ने आज कहा कि भारत में विदेशी पूंजी प्रवाह में तेजी लाने के लिये देश को वैश्विक साख एजेंसियों से अच्छी रेटिंग की जरूरत है। वित्त वर्ष 2013-14 के बजट पर आयोजित एक सेमिनार में शोम ने कहा, ‘‘हमें विदेशी पूंजी की जरूरत है और हमें पूंजी बाहर जाने से भी रोकना है। इसके लिये हमें अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों से अच्छी रेटिंग की जरूरत है जिनकी हमेशा देश के राजकोषीय घाटे पर नजर होती है।’’ सेंट जेवियर कालेज तथा एमसीसी चैंबर आफ कामर्स द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित सेमिनार में उन्होंने कहा कि बजट का मुख्य उद्देश्य राजकोषीय घाटे को कम करना है जिसकी तत्काल जरूरत है।

चालू खाते का घाटा उंचा है, ऐसे में देश को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश :एफडीआई: या बाह्य वाणिज्यिक उधारी के जरिये विदेशी पूंजी आकषिर्त करने की जरूरत है।

वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने 2013-14 के बजट के लिये वित्त मंत्री पी चिदंबरम की सराहना करते हुए कहा कि इसमें राजकोषीय मजबूती के लिये ठोस कदम उठाये गये हैं और इसका वित्तीय साख पर अनुकूल असर पड़ेगा। मूडीज के बयान से सरकारी साख बेहतर होने की संभावना बढ़ी है।

चिदंबरम ने 2013-14 के बजट में राजकोषीय घाटा कम कर 4.8 प्रतिशत रहने का लक्ष्य रखा है। चालू वित्त वर्ष में इसके 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

इससे पहले, स्टैंडर्ड एंड पूअर्स तथा फिच जैसी रेटिंग एजेंसियों ने बढ़ते राजकोषीय घाटे के मद्देनजर भारत की साख कम कर कबाड़ की श्रेणी में लाने की चेतावनी दी थी। बजट प्रस्तावों के मद्देनजर रेटिंग एजेंसियां भारत के बारे में फिर से आकलन कर सकती हैं।

बजट में प्रत्यक्ष कर प्रस्तावों पर टिप्पणी करते हुए शोम ने कहा कि एक करोड़ रुपये से अधिक की आय वाले व्यक्तियों पर 10 प्रतिशत अधिभार राजकोषीय मजबूती के लिये सही दिशा में उठाया गया कदम है। (एजेंसी)

First Published: Saturday, March 9, 2013, 20:57

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