Last Updated: Sunday, September 1, 2013, 17:51
नई दिल्ली : देश में हर साल कटाई के बाद 2 लाख करोड़ रुपये की फलों और सब्जियों का नुकसान होता है। एक अध्ययन में कहा गया है कि भंडारण और प्रसंस्करण सुविधाओं के अभाव में देश में अरबों रुपये के फल व सब्जियां हर साल बर्बाद हो जाती हैं। उद्योग मंडल एसोचैम के एक अध्ययन में कहा गया है, देश में सालाना 2 लाख करोड़ रुपये की फल व सब्जियों की बर्बादी होती है। इसकी मुख्य वजह खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की कमी, आधुनिक भंडारण सुविधाओं का अभाव तथा इस मुद्दे से निपटने के प्रति संवेदनहीन रवैया है।
‘भारत में बागवानी क्षेत्र राज्य स्तर का अनुभव’ शीर्षक की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में उत्पादित 22 प्रतिशत फल व सब्जियां थोक मंडियों में पहुंच पाती हैं। राज्यों की बात की जाए, तो कटाई के बाद सबसे ज्यादा नुकसान पश्चिम बंगाल में 13,657 करोड़ रुपये का होता है। गुजरात में सालाना नुकसान 11,400 करोड़ रुपये, बिहार में 10,700 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश में 10,300 करोड़ रुपये का सालाना नुकसान होता है।
अध्ययन में कहा गया है कि इस तरह की बर्बादी को रोकने थोक बाजारों के साथ स्थानीय तथा क्षेत्रीय बाजारों में शीत भंडारण सुविधाओं का विकास जरूरी है। हालांकि, अध्ययन में कहा गया है कि 2021 तक देश में फलों और सब्जियों का उत्पादन बढ़कर 37.7 करोड़ टन पर पहुंच जाएगा, जो फिलहाल 22.7 करोड़ टन है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 1, 2013, 17:51