Last Updated: Thursday, December 15, 2011, 08:51
नई दिल्ली: आर्थिक नरमी और उच्च मुद्रास्फीति से निपटने के लगभग सारे पारंपरिक राजकोषीय और मौद्रिक तरीकों को इस्तेमाल कर चुकी सरकार ने अब इन चुनौतियों से निपटने के लिए पारंपरिक के साथ साथ अन्वेषी तरीके अपनाने की अपील की।
वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली आर्थिक सम्मेलन में कहा ‘आज विकल्प बहुत सीमित हैं। राजकोषीय और मौद्रिक कदमों के लिए विकल्प सीमित होते जा रहे हैं। हालांकि अन्य क्षेत्रों में नीति निर्माण की संभावनाएं हैं।’
उन्होंने सलाह दी ‘इन चुनौतियों से निपटने के लिए पारंपरिक तरीकों के साथ साथ नए अन्वेषी तरीकों की जरूरत है।’’ वित्त मंत्री ने स्वीकार किया कि मुद्रास्फीति से मुकाबले और सख्त मौद्रिक नीति के कारण वृद्धि दर और निवेश प्रभावित हो रहा है।
भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष के दौरान 7.5 फीसद रहेगी जो पिछले साल 8.5 फीसद थी। भारतीय उद्योग की शिकायत है कि रिजर्व बैंक की सख्त मौद्रिक नीति से निवेश और औद्योगिक वृद्धि दर प्रभावित हो रही है।
अब सबकी निगाह आरबीआई की शुक्रवार को होने वाली मौद्रिक नीति की समीक्षा पर है। मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के लिए मार्च 2010 से नीतिगत ब्याज दरों में 13 बार बढ़ोतरी की गई है।
मुखर्जी ने कहा ‘ औद्योगिक वृद्धि में नरमी विशेष चिंता का विषय है क्योंकि इससे रोजगार प्रभावित होता है। मुद्रास्फीति ऐसे स्तर पर है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। राजकोषीय घाटे और चालू खाते घाटे से जुड़ी फौरी मुश्किलें भी हैं।’
सरकार ने 2008 में वैश्विक मंदी से असर से उद्योग जगत को बचाने के लिए 1.86 लाख करोड़ रुपए या सकल घरेलू उत्पाद के तीन फीसद के बराबर वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज दिया था। चालू वित्त वर्ष में आर्थिक नरमी के बीच राजकोषीय घाटे में बढ़ोतरी के साथ सरकार को आर्थिक गतिविधियों में कमी से निपटने के लिए दूसरा प्रोत्साहन पैकेज लाना बेहद मुश्किल होगा।
प्रमुख आर्थिक सुधार लागू करने के लिए विपक्ष का समर्थन मांगते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय विनिर्माण नीति, खुदरा क्षेत्र में ज्यादा एफडीआई और वित्तीय क्षेत्र से जुड़े अन्य कानून जैसी विभिन्न पहलों के जरिए सरकार ने आर्थिक अवरोध खत्म करने की पहल की है।
उन्होंने कहा ‘हमें भरोसा है कि इन मामलों पर बेहतर सहमति से इन्हें तेजी से लागू करने में मदद मिलेगी।’
(एजेंसी)
First Published: Thursday, December 15, 2011, 14:25