Last Updated: Friday, June 8, 2012, 00:23

नई दिल्ली : एयर इंडिया के 100 बर्खास्त पायलटों की वापसी के लिए दरवाजे पूरी तरह बंद करने के बाद सरकार अब उनकी जगह जेट एयरवेज जैसी निजी विमानन कंपनियों से निकाले गए पायलटों को रखने की योजना पर काम कर रही है।
नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने गुरुवार को कहा कि वैकल्पिक योजनाएं बनाई जा रही हैं ताकि यह सुनिश्चित हो कि एयर इंडिया का परिचालन दो तीन महीने में सामान्य हो जाए और जीर्णोद्धार योजना को अमली जामा पहनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि देश में इस समय लगभग 500 पायलट उपलब्ध हैं और हमें उनसे संपर्क करना होगा। बोइंग 777 या एयरबस ए-300 जैसे बड़े विमानों को उड़ाने के लिए प्रशिक्षित लगभग 60 पायलट हैं जिनका जेट एयरवेज के साथ अनुबंध समाप्त हो गया है या होने को है। इसी तरह किंगफिशर एयरलाइंस में भी परेशानी है और सरकार को उम्मीद है कि पर्याप्त संख्या में सुरक्षित काम चाहने वाले प्रशिक्षित पायलट मिल जाएंगे।
पायलटों की 31 दिन पुरानी हड़ताल को अवैध तथा अतार्किक बताते हुए सिंह ने कहा कि आंदोलनकारियों के रवैये से स्पष्ट है कि वे इस संगठन (एयर इंडिया) के साथ काम नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ये आंदोलनरत पायलट पूर्ववर्ती इंडियन एयरलाइंस के पायलटों या प्रबंधन के साथ काम नहीं करना चाहते और धर्माधिकारी रपट को खारिज कर चुके हैं जिसमें उनके वेतनमान और पदोन्नति के बारे में व्यवस्था दी गई है।
मंत्री ने कल कहा था कि उनके लिए हड़ताल समाप्त हो चुकी है और उन्हें हड़ताली पायलटों के लौटने का कोई सूरत नजर नहीं आती। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 8, 2012, 00:23