नए बैंक लाइसेंस को RBI की फाइनल गाइडलाइन जारी

नए बैंक लाइसेंस को RBI की फाइनल गाइडलाइन जारी

नए बैंक लाइसेंस को RBI की फाइनल गाइडलाइन जारी मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक ने नए बैंक लाइसेंस जारी करने के लिए अंतिम दिशानिर्देश आज जारी कर दिए। इसके तहत सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ साथ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) भी लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकती हैं। लाइसेंस के लिए आवेदन एक धारक कंपनी के माध्यम से करने होंगे जो केवल बैंकिंग करोबार के लिए ही होनी चहिए। नए बैंकों को एक चौथाई शाखाएं दूरदराज के इलाकों में खोलनी होंगी।

रिजर्व बैंक की अधिसूचना में कहा गया है, ‘निजी और सरकारी क्षेत्र की इकाइयां और इकाइयों के समूह और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) एक पूर्णस्वामित्व वाली गैर संचालित वित्तीय हाल्डिंग कंपनी के जरिए बैंक स्थापित करने की पात्र होंगी।’ नए बैंक न्यूनतम 500 करोड़ रुपए की शेयर पूंजी से शुरू किए जा सकेंगे। विदेशी कंपनियां ऐसे बैंकों में 49 प्रतिशत तक की हिस्सेदार बन सकती है।

रिजर्व बैंक ने अभी यह नहीं स्पष्ट किया है कि वह कितने नए बैंक लाइसेंस जारी करना चाहता है या कर सकता है। नए लाइसेंस के लिए आगामी पहली जुलाई तक आवेदन किये जा सकते है। इसमें कहा गया है कि नए बैंकों को अपनी 25 प्रतिशत शाखाएं बिना बैंक वाले ग्रामीण क्षेत्रों में खोलनी होंगी। मौजूदा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां यदि उन्हें नये बैंक खोलने के मामले में योग्य माना जाता है तो उन्हें नया बैंक खोलने या फिर खुद को बैंक में परिवर्तित करने की छूट दी जा सकती है। नए बैंक लाइसेंस के लिए जारी दिशानिर्देशों में रीयल्टी क्षेत्र की कंपनियों, ब्रोकर फर्मों और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को बैंक क्षेत्र में प्रदेश देने पर कोई रोक-टोक नहीं है।

अंतिम दिशानिर्देशों के अनुसार, ‘उद्यम अथवा समूह का काम करने का इतिहास बेहतर और साफ सुथरा होना चाहिए। इसके लिए चुकता शेयर पूंजी 500 करोड़ रुपए होगी और उन्हें कारोबार में आने के तीन साल के भीतर कंपनी को शेयर बाजार में सूचीबद्ध होना होगा।’ रिजर्व बैंक ने हालांकि यह भी स्पष्ट किया है कि इन गैर संचालित वित्तीय होल्डिंग कंपनी अथवा बैंक का प्रवर्तक समूह में कोई धन नहीं लगा होगा। इसी तरह बैंक होल्डिंग कंपनी के अधिकार क्षेत्र वाली किसी भी वित्तीय कंपनी के शेयरों अथवा रिण पूंजी वाले साधनों में निवेश नहीं करेगी।

नए बैंकों की व्यावसायिक योजना के बारे में इसमें कहा गया है कि उन्हें अपनी एक चौथाई शाखाएं बिना बैंक वाले ग्रामीण क्षेत्रों में खोलनी होंगी। ‘ऐसे क्षेत्र ताजा जनगणना के अनुसार जिनकी जनसंख्या 9,999 तक है।’ इसमें कहा गया है कि नये बैंकों पर भी प्राथमिक क्षेत्र के नियम लागू होंगे। निजी क्षेत्र में नए बैंकों को लाइसेंस पर रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों की मुख्य बातें इस प्रकार हैं-

-निजी कंपनियां, पीएसयू और एनबीएफसी बैंक स्थापित कर सकते हैं।

-ब्रोकरेज, रीयल्टी क्षेत्र की इकाइयों पर भी किसी प्रकार की रोक नहीं।

-न्यूनतम चुकता इक्विटी पूंजी 500 करोड़ रुपए होनी चाहिए।

-कारोबार के तीन साल में नए बैंकों को सूचीबद्ध किया जाएगा।

-पहले पांच साल तक विदेशी हिस्सेदारी की सीमा 49 फीसदी होगी।

-रिजर्व बैंक अन्य नियामकों मसलन आयकर, सीबीआई तथा ईडी से आवेदकों की पृष्ठभूमि की जानकारी लेगा।

-आवेदकों का 10 साल का सफल वित्तीय रिकार्ड, विश्वसनीयता तथा नैतिकता होनी चाहिए।

-प्राथमिकता क्षेत्र रिण के लक्ष्य को पाने के लिए कम से कम 25 फीसदी शाखाएं बैंक रहित ग्रामीण इलाकों में खोलनी होंगी।

-निदेशक मंडल में बहुलांश स्वतंत्र निदेशक होंगे।

-कारोबारी योजना उचित, व्यावहारिक तथा वित्तीय समावेशी वाली होनी चाहिए।

-आवेदनों की जांच रिजर्व बैंक करेगा और उसके बाद उसे उच्च स्तरीय सलाहकार समिति को भेजा जाएगा।

-पारदर्शिता के लिए आवेदकों के नाम रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर डाले जाएंगे।

-लाइसेंस के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख एक जुलाई होगी।

First Published: Friday, February 22, 2013, 20:49

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