Last Updated: Wednesday, December 28, 2011, 07:58
नई दिल्ली : अनुसंधान फर्म डेलायट के अनुसार, मुद्रास्फीति तथा ब्याज दरों में कमी के चलते 2012 में देश में कारों की ब्रिकी एक बार फिर जोर पकड़ सकती है। डेलायट ने अपनी एक रपट में कहा है कि विभिन्न कारणों के चलते पिछले कुछ महीनों में यात्री कारों की ब्रिकी घटी है। इन कारणों में खर्च योग्य आय में कमी, ब्याज दर व ईंधन कीमतों में वृद्धि शामिल है।
इसमें कहा गया है कि वित्त वर्ष 2011-12 में कारों की ब्रिकी में वृद्धि सिर्फ 2-3 प्रतिशत होगी जबकि 2010 में यह 30 प्रतिशत रही थी। इसके अनुसार, पेट्रोल मूल्य नियंत्रणमुक्त किए जाने के बाद ईंधन कीमतें 34 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है। मुद्रास्फीति दबाव के चलते बैंकों ने उधारी दरों में लगातार वृद्धि की है और नए कार ऋण के लिए ब्याज दरें 13-14 प्रतिशत हैं।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 28, 2011, 13:28