निजी कंपनियों को हुआ 3.06 लाख करोड़ का अनुचित लाभ : कैग

निजी कंपनियों को हुआ 3.06 लाख करोड़ का अनुचित लाभ : कैग

नई दिल्ली : घोटालों और भ्रष्टाचार को लेकर पहले से ही हमले झेल रही सरकार शुक्रवार को एक बार फिर भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) के निशाने पर आ गई।

कैग की संसद में पेश तीन अलग-अलग रिपोर्टों के अनुसार निजी क्षेत्र की फर्मों को उनकी खुद की परियोजनाओं में इस्तेमाल के लिए कोयला खानों के आवंटन, दिल्ली हवाई अड्डे के विकास के लिए निजी क्षेत्र के साथ अनुबंध और एक वृहद बिजली परियोजना के लिए आवंटित खानों से अधिशेष कोयले का दूसरी परियोजना में इस्तेमाल करने की छूट से सरकारी कंपनियों को अनुचित रुपए भारी लाभ का यह अनुमान लगाते हुए कहा है कि इस लाभ का एक हिस्सा सरकारी खजाने को भी मिल सकता था।

कैग की हालांकि, इससे पहले जारी मसौदा रिपोर्ट में कोयला खानों के आवंटन में 10.7 लाख करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान लगाया गया था लेकिन संसद में आज पेश अंतिम रिपोर्ट में इसे घटाकर 1.85 लाख करोड़ रुपए बताया गया है।
जुलाई 2004 के बाद देशभर में 142 कोयला खानों का आवंटन किया गया।

कैग की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स लिमिटेड (डायल) को दिल्ली हवाईअड्डे की जमीन 58 साल के रियायती पट्टे पर दे दी गई जबकि इस जमीन से 1,63,557 करोड़ रुपए की संभावित आय हो सकती है।
इसमें से जीएमआर के नेतृत्व वाले निजी समूह को 88,337 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जो कि इस दौरान काफी समय तक कोयला मंत्रालय का कामकाज देख रहे थे, उनके खिलाफ कैग की कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं आई और पूरा दोष इसके लिए गठित अधिकारियों की जांच समिति पर गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोयला आवंटन प्रक्रिया में ‘पारदर्शिता, वस्तुनिष्ठता और प्रतिस्पर्धा का अभाव रहा।’
कोयला खान आवंटन में लाभ पाने वाली कंपनियों में एस्सार समूह, जिंदल, अडाणी, आर्सेलर मित्त और टाटा स्टील शामिल हैं।

विपक्ष ने कैग रिपोर्ट का फायदा उठाने में देरी किए बिना प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग कर डाली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा है कि प्रधानमंत्री को कोयला ब्लॉक आवंटन में हुए नुकसान के लिए ‘नैतिक, राजनीतिक और व्यक्तिगत’ जवाबदेही स्वीकार करते हुए इस्तीफा देना चाहिए। (एजेंसी)


First Published: Saturday, August 18, 2012, 00:29

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