Last Updated: Sunday, January 8, 2012, 06:07
मुंबई : राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने उन शीर्ष कारपोरेट घरानों और अमीर लोगों के खिलाफ देशव्यापी जांच शुरू कर दी है जो विदेशों में पंजीकृत विमानों का भारत में अवैध रूप से परिचालन कर रहे हैं और इससे करोड़ों रुपये के सीमा शुल्क का चूना लग रहा है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से इस बारे में सूचना मिलने पर डीआरआई इस तरह के कई बड़े लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर चुका है।
वित्त मंत्रालय के अंतर्गत प्रवर्तन एजेंसी डीआरआई के सूत्रों ने कहा ‘‘सीमा शुल्क के नियमों में कहा गया है कि विदेश में पंजीकृत किसी विमान को छह महीने की अवधि के लिए भारत में प्रवेश की अनुमति दी जाती है। भारतीय कारपोरेट घरानों द्वारा इस तरह के विमान का इस्तेमाल व्यावसायिक हस्तियों मुख्य कार्याधिकारियों और कारपोरेट प्रमुखों को लाने ले जाने के लिए किया जाता है।
उन्होंने कहा, एजेंसी इस नियम के उल्लंघन तथा इस बात की जांच कर रही है कि क्या उन्होंने देश के भीतर और नजदीक के देशों में नियमों के खिलाफ उड़ान भरी। सूत्रों के अनुसार डीआरआई को संदेह है कि कारपोरेट घरानों के स्वामित्व वाले उन्नत किस्म के ऐसे कई विमानों ने निजी ‘लैंडिंग बेस’ के जरिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय नभक्षेत्र में उड़ान भरी और चुपचाप फिर से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर गए ।
एजेंसी 15 कारपोरेट घरानों पर करीब से नजर रखे हुए है और उसका मानना है कि उसकी जांच पूरी हो जाने पर करोड़ों रुपये की सीमा शुल्क चोरी का पता लगेगा। डीआरआई ने इस संबंध में गृह मंत्रालय से भी संपर्क किया है क्योंकि मंत्रालय सुरक्षा दृष्टिकोण से इन विमानों के बारे में विस्तृत जानकारी रखता है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, January 8, 2012, 17:37