Last Updated: Sunday, July 28, 2013, 20:47
नई दिल्ली : अमेरिकी स्वास्थ्य नियामक एफडीए ने भारतीय कंपनियों से नियमों का अनुपालन करने को कहा है। उसका कहना है कि अगर कंपनियां उनके कायदे-कानून का पालन नहीं करेंगी तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएंगी।
कई भारतीय दवा कंपनियां अमेरिकी नियमों के उल्लंघन को लेकर वहीं के स्वास्थ्य नियामक की जांच के घेरे में है। एफडीए का कहना है कि यहां निर्मित दवाओं में कीटनाशक तथा कीटों के अंश मिल रहे हैं। ऐसा नहीं है कि इस प्रकार की समस्या केवल भारत में ही है बल्कि अन्य देशों में भी इसी प्रकार की दिक्कतें हैं।
अमेरिकी खाद्य और दवा प्रशासन (एफडीए) ने उन कंपनियों के खिलाफ ‘उपयुक्त कार्रवाई’ की चेतावनी दी है। जो ‘बेहतर विनिर्माण व्यवहार’ को अमल में लाने में विफल हैं।
स्वास्थ्य नियामक ने कहा कि कई भारतीय दवा कंपनियां अमेरिका में नियमों का बेहतर तरीके से पालन कर रही हैं। इनकी बदौलत अमेरिका के मामले में भारत दूसरा सबसे बड़ा औषधिक निर्यातक है। नियामक के अनुसार उन कंपनियों को दिशानिर्देश उपलब्ध कराने के लिये तैयार है जो समस्याएं तथा चुनौतियां पेश कर रही हैं। अमेरिकी नियमों के उल्लंघन को लेकर हाल में कई भारतीय औषधि कंपनियों को नियामकीय कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। इसमे औषधि को वापस मंगाना, चेतावनी पत्र तथा जुर्माना शामिल हैं।
कम-से-कम दो कंपनियों वोकहार्ट तथा फ्रेसेनियस काबी को इसी महीने चेतावनी पत्र मिले हैं। वहीं होसपिरा हेल्थकेयर इंडिया तथा आरपीजी लाइफ साइंसेज को इस प्रकार का पत्र मई में मिला था। एफडीए ने विनिर्माण के उच्च मानकों का अनुपालन न होने के आरोप में चेतावनी पत्र जारी किये हैं। (एजेंसी)
First Published: Sunday, July 28, 2013, 20:47