Last Updated: Friday, December 9, 2011, 13:48
नई दिल्ली : निर्यात के आंकड़े जरूरत से ज्यादा ऊंचे होने की आशंका सच साबित हुई है, जबकि सरकार ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि उससे चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से नवंबर तक की अवधि के निर्यात के आंकड़े में गड़बड़ी हुई और इसमें नौ अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई थी। वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने कहा कि पिछले आठ महीनों का सारा आंकड़ा संशोधित किया गया था। उन्होंने स्वीकार किया कि व्यापार घाटे का महत्वपूर्ण संतुलन भी 117 अरब डालर की बजाय 107 अरब डालर रखा गया था।
उन्होंने कहा कि हाल ही में डाले गए एक नए कंप्यूटर साफ्टवेयर की गलती के कारण न सिर्फ वर्गीकरण गलत किया गया था बल्कि गणना में दोहराव और अन्य चीजें हुई। गलती स्वीकार करते हुए खुल्लर ने कहा कि कम से कम अब यह धारणा कि सरकार जानबूझ कर आंकड़े में गड़बड़ी कर रही है और झूठ बोल रही है, बंद होगी। कितने लोग आते हैं और कहते हैं कि हमने गड़बड़ी की है या गलती हुई है। मैंने खुलकर कहा है, छुपाने को कुछ नहीं है, कुछ गलती हुई है यह स्वीकार करना कोई शमी’दगी की बात नहीं।
हालांकि उन्होंने कहा कि इस गलती को मानने के बाद भी निर्यात में अप्रैल से नवंबर के दौरान 33.2 फीसदी की वृद्धि हुई है। खुल्लर ने कहा कि निर्यात के आंकड़े में चार से पांच फीसदी की बढ़ोतरी की गई और औसतन हर महीने एक अरब डालर की बढ़ोतरी हुई है। निर्यात में भारी बढ़ोतरी के बारे में संदेह था। जुलाई में जबकि विनिर्माण क्षेत्र में नरमी दर्ज हो रही थी 82 फीसद का आंकड़ा पेश किया गया था।
उन्होंने कहा कि निर्यात का प्रदर्शन अभी भी बहुत अच्छा है। इससे पहले आपको लगता कि यह 40-45 फीसदी है जबकि अब यह 33 फीसद (चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से नवंबर की अवधि के दौरान) है। आठ महीने की अवधि के दौरान कुल निर्यात 192.7 अरब डालर का हुआ जबकि आयात 309.5 अरब डालर (30.2 फीसद की बढ़ोतरी) का हुआ। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष के अंत तक व्यापार घाटा 150-160 अरब डॉलर का होगा।
(एजेंसी)
First Published: Friday, December 9, 2011, 19:18