निवेश के लिए सोनिया ने दिया व्यावहारिकता पर जोर

निवेश के लिए सोनिया ने दिया व्यावहारिकता पर जोर

निवेश के लिए सोनिया ने दिया व्यावहारिकता पर जोर जयपुर : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को आर्थिक सुधारों की जोरदार तरीके से वकालत करते हुए कहा कि देश के रोजगार के लक्ष्य को हासिल करने के लिए निवेश को आकर्षित करने के मोर्चे पर ‘व्यावहारिक’ बनने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि देशभर में भूमि, वन, पानी, जीवनस्तर, आदिवासी और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर कई आंदोलन चल रहे हैं। सोनिया ने पार्टीजनों का आह्वान किया कि वे इन मुद्दों पर आगे बढ़कर काम करें। सोनिया ने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में 2004 से ‘वास्तविक तौर पर कई क्रांतिकारी कार्यक्रम पेश किए हैं और पार्टी के घोषणापत्र के अनुरूप ऐतिहासिक कानून लागू कर रही है।

सोनिया ने कहा कि रोजगार न होने से व्यक्ति की आंकक्षाएं मरती हैं और इस स्थिति से निराशा, अपराध और हिंसा को बढ़ावा मिलता है।’ उन्होंने कहा कि देश को दक्ष रोजगार पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि देश को विशेषकर अर्ध शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल वाले रोजगार पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। सोनिया ने पार्टी के चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए कहा, ‘इसके लिए हमें निवेश को आकर्षित करने के लिए व्यावहारिक होने की जरूरत है और सिर्फ यही रास्ता है जिससे देश में रोजगार के अवसर बढ़ाने का लक्ष्य हासिल हो सकता है।’

सोनिया का यह बयान ऐसे समय आया है जबकि बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को लेकर काफी हो हल्ला मच रहा है। अपने संबोधन में सोनिया ने कहा कि मनरेगा ने ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी उपयोगिता साबित की है।

संप्रग की अध्यक्ष ने गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों पर जोर देते हुए कि पिछले एक दशक में आर्थिक वृद्धि दर प्रभावशाली रही है। उन्होंने कहा,‘इसका गरीबी को खत्म करने में प्रमुख असर है, लेकिन असमानता तथा गरीबी के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है।’ उन्होंने कहा कि यही वजह है कि गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों को टिकाऊ बनाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि विकास के विस्तार के बावजूद देश में कई हिस्से अभी भी पिछड़े हैं और पार्टी को इन क्षेत्रों में सुधार में आगे रहना होगा।

सोनिया ने इस बात पर क्षोभ जताया कि कई राज्यों में पार्टी इसे राजनीतिक समर्थन में तब्दील नहीं कर पाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि चिंतन शिविर में विचार-विमर्श तथा पुख्ता सुझाव उभरकर सामने आएंगे। (एजेंसी)

First Published: Friday, January 18, 2013, 21:42

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