Last Updated: Wednesday, January 23, 2013, 16:46

मुंबई : शेयर बाजार नियामक सेबी ने निवेश सलाहकारों को सेबी के पास उनके अनिवार्य पंजीकरण कराने के नियमों को अधिसूचित कर दिया है। निवेश सलाहकारों को इसके साथ ही उन सभी मुद्दों का खुलासा भी करना होगा जिनसे हितों में टकराव हो सकते हैं।
अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नए नियमनों के तहत निवेश सलाहकारों जैसे बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और निगमों को अपनी निवेश सलाहकार सेवाओं को अन्य गतिविधियों से अलग करना होगा।
निवेश सलाहकारों को एक विशेष वित्तीय उत्पाद पर अपनी सलाह के एवज में मिले शुल्क का भी खुलासा करना होगा।
दिशानिर्देश तीन महीने में अमल में आ जाएंगे और ऐसे में निवेश सलाहकारों को सेबी से प्रमाणित होने के लिए पंजीकरण कराना होगा।
सेबी ने कहा कि वित्तीय उत्पादों पर सलाह सेवाएं देने में लगी सभी इकाइयों को बाजार नियामक के पास अपना पंजीकरण करना होगा। इसके अलावा, निवेश सलाहकारों को अपनी इस गतिविधि को वितरण जैसी अन्य गतिविधियों से अलग करना होगा।
एक निवेश सलाहकार बनने के लिए कारपोरेट निकायों का न्यूनतम 25 लाख रुपए निवल मूल्य होना चाहिए, जबकि व्यक्तियों के लिए यह सीमा एक लाख रुपए होगी।
सेबी ने एक अधिसूचना में कहा, ‘निवेश सलाहकार का अर्थ किसी भी ऐसे व्यक्ति या इकाई से है जो प्रतिफल के लिए ग्राहकों या अन्य लोगों या लोगों के समूह को निवेश सलाह उपलब्ध कराने में कारोबार में लगा है।’
निवेश सलाहकार बनने के लिये कारपोरेट संस्थाओं की कम से कम 25 लाख रुपए नेटवर्थ होनी चाहिए जबकि व्यक्तिगत मामले में यह एक लाख रुपए रखी गई है।
सेबी ने सोमवार को जारी अधिसूचना में कहा है,‘निवेश सलाहकार से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जो धनअर्जन के उद्देश्य से ग्राहकों, अन्य व्यक्तियों और व्यक्तियों के समूह को निवेश सलाह के काम में लगा है।’
First Published: Wednesday, January 23, 2013, 16:46