Last Updated: Thursday, February 23, 2012, 09:06
नई दिल्ली : प्राकृतिक गैस पर मंत्री समूह की बैठक से पहले तेल एवं गैस उत्पादक कंपनियों ने वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए गैस का पहले से ही आवंटन किए जाने की व्यवस्था खत्म करने की मांग की है। ईजीओएम की शुक्रवार को होने वाली बैठक में रिलायंस इंडस्ट्रीज के पूर्वी अपतटीय क्षेत्र केजी-डी 6 ब्लाक से उत्पादन में कमी को देखते हुए गैस आवंटन में बदलाव पर विचार किया जा सकता है।
एओजीओ ने कहा है कि एक बार गैस कुछ निश्चित क्षेत्रों के लिए आरक्षित की जाती है तो उसका मूल्य संभवत: आदर्श मूल्य नहीं होगा और दुर्लभ ईंधन की कीमत बाजार मूल्य से कम होगी। संगठन के अनुसार, गैस के पूर्व आवंटन से मांग-आपूर्ति समीकरण बिगड़ता है और मुक्त बाजार आधारित कीमत की संभावना धूमिल होती है।
एओजीओ ने कहा, ‘नेल्प के तहत जिस उत्पादन साझेदारी अनुबंध पर दस्तखत किया गया, उसकी प्रमुख विशेषता मुक्त बाजार के आधार पर कीमत का निर्धारण है। तेल एवं गैस फील्डों के विकास पर लागत में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। घरेलू गैस की गलत मूल्य से गैस उत्पादन पर नकारात्मक असर पड़ेगा।’
ईजीओएम की शुक्रवार को होने वाली बैठक में रिलायंस इंडस्ट्रीज के पूर्वी अपतटीय क्षेत्र केजी-डी 6 ब्लाक से उत्पादन में कमी को देखते हुए गैस आवंटन में बदलाव पर विचार किया जा सकता है। अधिकारियों के अनुसार पेट्रोलियम मंत्रालय ने ईजीओएम को बिजली उत्पादकों को गैस की आपूर्ति रोकने का प्रस्ताव दिया है क्योंकि वे बिजली नियमित शुल्क पर नहीं बेचती। साथ ही आंध्र प्रदेश स्थित कुछ बिजली संयंत्रों को गैस आवंटन रद्द करने को कहा है जो नियामक द्वारा तय मूल्य से अधिक भाव पर बिजली बेच रहे हैं।
केजी-डी 6 से गैस उत्पादन 3.5 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन रह गया है जो मार्च 2010 में 6 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन हो गया था। इसके कारण मंत्रालय आवंटन नीति में बदलाव पर जोर दे रहा है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, February 23, 2012, 14:36