पहली तिमाही में चालू खाते का घाटा बढ़ा, जीडीपी के 4.9 फीसदी पर

पहली तिमाही में चालू खाते का घाटा बढ़ा, जीडीपी के 4.9 फीसदी पर

पहली तिमाही में चालू खाते का घाटा बढ़ा, जीडीपी के 4.9 फीसदी पर मुंबई: सोने और कच्चे तेल के उंचे आयात से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश का चालू खाते का घाटा बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 प्रतिशत यानी 21.8 अरब डालर पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने आज यह जानकारी दी। विदेशी मुद्रा का अंत:प्रवाह तथा बाह्य प्रवाह का अंतर कैड कहलाता है। 2012-13 की पहली तिमाही में कैड जीडीपी का 4.4 फीसदी यानी 16.9 अरब डालर रहा था।

केंद्रीय बैंक ने अपनी भुगतान संतुलन रिपोर्ट में कहा है कि व्यापार घाटे, तथा सेवा निर्यात से प्राप्त होने वाली आय में धीमे सुधार से 2013-14 की पहली तिमाही में चालू खाते का घाटा बढ़कर 21.8 अरब डालर हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 16.9 अरब डालर रहा था।

जनवरी-मार्च की तिमाही में कैड घटकर 3.6 प्रतिशत रहा था। अक्तूबर-दिसंबर की तिमाही में यह 6.5 प्रतिशत के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया था। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में चालू खाते के घाटे को जीडीपी के 3.7 प्रतिशत यानी 70 अरब डालर पर सीमित रखने का लक्ष्य रखा है। 2012-13 में यह जीडीपी का 4.8 प्रतिशत यानी 88.2 अरब डालर रहा था।

चालू वित्त की पहली तिमाही में सोने का आयात 7.3 अरब डालर बढ़ गया। तिमाही के दौरान सोने का आयात 335 टन का रहा। रिजर्व बैंक ने कहा है कि यदि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के मुकाबले सोने के आयात में हुई 7.3 अरब डालर की बढ़ोतरी को निकाल दिया जाए, तो कैड जीडीपी का 14.5 अरब डालर यानी 3.2 प्रतिशत बैठेगा। (एजेंसी)

First Published: Monday, September 30, 2013, 19:01

comments powered by Disqus