Last Updated: Wednesday, April 3, 2013, 11:18
ज़ी न्यूज़ ब्यूरोनई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि कारोबारी माहौल जो 2007 में असामान्य रूप से आशावादी था, आज असामान्य रूप से निराशावादी हो गया है। निश्चित ही महंगाई हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है लेकिन हमें निराश नहीं होना चाहिए।
सीआईआई के सालाना समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पांच फीसदी की धीमी विकास दर निराशाजनक है, लेकिन फिर से यह आठ फीसदी हो सकता है। हमें स्वीकार करना होगा कि निर्यात कमजोर रहेगा और चालू खाता घाटा उम्मीद से अधिक रहेगा। उन्होंने कहा, `हम राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए हरसंभव कदम उठाने को प्रतिबद्ध हैं। निजी क्षेत्र के निवेश में गिरावट को बदला जाना चाहिए। मैं निवेश संबंधी कैबिनेट समिति द्वारा की गई प्रगति से उत्साहित हूं।`
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, `हम एक अस्थायी आर्थिक गिरावट को देख रहे हैं जिसके लिए आंशिक तौर पर वैश्विक तत्व जिम्मेदार हैं। हमें सुधारात्मक कदम उठाने होंगे।` प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति की व्यापक समीक्षा कर रही है। उन्होंने कहा कि उद्योगों को सरकर में भरोसा रखने की जरूरत। भ्रष्टाचार, गठबंधन की दिक्कतें पहले भी थीं।नौकरी की ट्रेनिंग देने के लिए उद्योग कदम उठाएं। मनमोहन ने कहा कि हमें युवा जनसंख्या का फायदा उठाना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सामाजिक मोर्चे पर हमारी चुनौतियां कायम है, लेकिन निराशा का माहौल बेमतलब है। मनमोहन सिंह ने बजट में निवेश को बढ़ावा देने के कदमों का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि महंगाई लंबे अरसे से समस्या रही है। महंगाई और कम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 5 प्रतिशत विकास दर हमेशा रहेगी। ऊंची विकास दर फिर हासिल करनी होगी। अर्थव्यवस्था की विकास दर निवेश से जुड़ी हुई है। ऐसी कोई वजह नहीं कि हम ऊंची विकास दर हासिल न कर पाएं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पेट्रोल की कीमतें बाजार के हवाले करना सही रहा। डीजल की कीमत भी धीरे-धीरे बाजार तय कर रहा है। आया घाटा सामान्य से दुगुना है घाटा कम करने के हमारे कदमों का दुनिया में स्वागत हुआ। कई कारणों से सरकार ने फैसले लेने में देरी की। पेट्रोलियम सेक्टर में 20 अरब डॉलर के निवेश रुके हुए हैं। कैबिनेट कमेटी बनने से फैसले लेने में तेजी आई। सीआईआई के सालाना समारोह में 15 हजार उद्योगपतियों की एक बैठक में प्रधानमंत्री ने भारत की आर्थिक चुनौतियों पर अपनी बात रखी।
First Published: Wednesday, April 3, 2013, 11:18