पीएफ की ब्‍याज दरें घटकर हो सकती हैं 8.25% - Zee News हिंदी

पीएफ की ब्‍याज दरें घटकर हो सकती हैं 8.25%



 

नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की सलाहकार समिति ने इसके अंशधारकों को इस साल 8.25 प्रतिशत ब्याज दर देने का सुझाव दिया है जो पिछले वित्त वर्ष में 9.5 प्रतिशत थी। इस आशय के फैसले का असर ईपीएफओ के 4.7 करोड़ से अधिक अंशधारक कर्मचारियों पर पड़ेगा। ईपीएफओ की सलाहकार समिति वित्त एवं निवेश समिति (एफआईसी) में यूनियनों के प्रतिनिधियों ने हालांकि 2011-12 के लिए भी ब्याज दर 9.5 प्रतिशत बनाये रखने की मांग की है।

 

एक जानकार सूत्र ने गुरुवार को बैठक की बैठक के बाद बताया कि एफआईसी के विचार में मौजूदा वित्त वर्ष में इसके 4.7 करोड़ अंशधारकों को 8.25 प्रतिशत ब्याज दर का भुगतान व्यावहारिक है। सूत्रों ने कहा कि बैठक में मौजूदा यूनियन प्रतिनिधियों ने हालांकि 9.5 प्रतिशत की ब्याज दर बनाए रखने की मांग की और ईपीएफओ अधिकारियों द्वारा इस वित्त वर्ष के लिए पेश आय आकलन में विसंगतियों को रेखांकित किया।

 

एफआईसी की सिफारिशों को अब ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा। श्रममंत्री की अध्यक्षता वाले न्यासी बोर्ड की बैठक कल होनी है। सूत्रों ने बताया कि बैठक में उपस्थित कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने आय आकलन में विसंगतियों के बारे में स्पष्टीकरण भी मांगा। उन्होंने कहा कि ईपीएफओ के 85 प्रतिशत से अधिक निवेश पर रिटर्न की दर तय है तो वे ईपीएफओ की सारी संभावित आय पर इस राशि की गणना कैसे कर सकते हैं।

 

ईपीएफओ ने 18,349.20 करोड़ रुपये की अनुमानित आय में से आकलन चूक के रूप में 2.5 प्रतिशत (458.73 करोड़ रुपये) कम किए हैं और आय 17,890.47 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है।

 

यूनियन प्रतिनिधियों की राय में अगर इस आकलन त्रुटि को सही ढंग से रखा जाए तो ईपीएफओ लगभग 400 करोड़ रुपये की राशि अलग रख सकता है जो इस साल 8.25 प्रतिशत के अनुमानित रिटर्न पर 0.25 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान करने के लिए पर्याप्त है। ईपीएफओ के अनुमान के अनसार 2011-12 में 8.25 प्रतिशत की दर से ब्याज भुगतान से सिर्फ 24 लाख रुपये का घाटा होगा। अगर ब्याज दर को 8.50 प्रतिशत किया जाए तो घाटा बढ़कर 526.44 करोड़ रुपये हो जाएगा।

(एजेंसी)

First Published: Friday, December 23, 2011, 09:17

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