Last Updated: Tuesday, September 3, 2013, 16:52
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिह रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कल प्रस्थान करेंगे। सिंह इस सम्मेलन में भारत एवं अन्य बड़ी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के समझ व्यवधान दूर करने के लिए समन्वित योजना बनाए जाने पर जोर दे सकते है। अमेरिका में मौद्रिक प्रोत्साहन कम किए जाने से भारत जैसे उभरते बाजारों में व्यवधान का जोखिम है।
बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे इस दो दिवसीय सम्मेलन पर सीरिया में टकराव को लेकर रूस और अमेरिका के बीच विवाद का साया पड़ने की आशंका भी है। इसी तरह अमेरिका द्वारा प्रोत्साहन वापस लेने के कदम उठाने को लेकर उभरते देशों व अमेरिका के बीच मतभेद उभरने के भी आसार है।
अमेरिका द्वारा प्रोत्साहन उपाय वापस लेने की कवायद शुरू करने से ब्रिक्स देशों की अर्थव्यवस्थाएं नरमी की चपेट में आ गई हैं और इन्हें पूंजी निकासी की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तथा इनकी मुद्राएं दबाव में हैं। प्रधानमंत्री वाशिंगटन में 2008 में हुई जी-20 की पहली बैठक से लेकर अब तक की सभी बैठकों में शामिल होते आ रहे हैं।
सिंह शनिवार को स्वदेश लौटेंगे। अधिकारियों ने कहा कि भारत के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए आर्थिक वृद्धि एवं वित्तीय निवेश पर ध्यान केंद्रित करना है।
जी-20 शिखर सम्मेलन में बाजार में उतार-चढ़ाव, कर चोरी एवं रोजगार सृजन व आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन देने की कार्ययोजना के अलावा वैश्विक मांग को पुन: संतुलित करने पर जोर होगा। उल्लेखनीय है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में जी-20 का योगदान 90 प्रतिशत है, जबकि वैश्विक व्यापार में यह 75 प्रतिशत योगदान करता है। इसके सदस्यों में अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, भारत, इटली, दक्षिण कोरिया, मेक्सिको, रूस, सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, अमेरिका व यूरोपीय संघ शामिल हैं।
सम्मेलन के दौरान, ब्रिक्स नेताओं द्वारा 100 अरब डालर के मुद्रा कोष के गठन पर आम सहमति बनने की संभावना है। माना जाता है कि ब्रिक्स के सदस्य देश प्रस्तावित विकास बैंक के लिए पूंजीगत ढांचे पर सहमत हो चुके हैं। इस बैंक का लक्ष्य पश्चिमी वित्तीय संस्थानों पर निर्भरता घटाना है।
बैंक की आरंभिक पूंजी 50 अरब डालर रहने की संभावना है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने हालांकि कहा है कि शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स द्वारा बैंक पर घोषणा किए जाने की संभावना नहीं है। अहलूवालिया जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत के ‘शेरपा’ होंगे। उन्होंने कहा कि मुद्रा की विनिमय दर में उतार.चढ़ाव भी बातचीत का अहम हिस्सा होगा। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 3, 2013, 16:30