Last Updated: Friday, June 28, 2013, 20:23

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अगले छह महीने में ढांचागत क्षेत्र में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) माडल वाली परियोजनाओं में 1.15 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य शुक्रवार को तय किया ताकि देश में निवेश के माहौल को सुधारा जा सके।
सिंह ने ढांचागत क्षेत्र की जिन पीपीपी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखा है, उनमें रेल, बंदरगाह तथा बिजली परियोजनाएं शामिल हैं। ऐसी कुछ प्रस्तावों में मुंबई उपरिगामी रेल मार्ग परियोजना (30,000 करोड़ रुपये), भुवनवेश्वर तथा इंफाल में दो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के निर्माण का प्रस्ताव (20,000 करोड़ रुपये ) तथा बिजली उत्पादन एवं पारेषण क्षेत्र की 40,000 करोड़ रुपये के कुछ प्रस्ताव शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने 2013-14 के लिए ढांचागत परियोजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए आज यहां बैठक की, जिसमें इस आशय का फैसला किया गया। बैठक में वित्तमंत्री पी. चिदंबरम, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया, बिजली, कोयला, रेल, सड़क, जहाजरानी तथा नागर विमानन मंत्री शामिल हुए। बैठक में फैसला किया गया कि रेल भाड़ा प्राधिकरण गठित करने के प्रस्ताव पर तेजी से काम किया जाएगा और इसे शीघ्र ही कैबिनेट में लाया जाएगा।
प्रधानमंत्री सिंह ने निवेशकों का विश्वसास बढाने के लिए ढांचागत क्षेत्र में निवेश बढाने की जरूरत पर बल दिया। निवेशकों का विश्वास बढ़ाने की जरूरत को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि इस उद्देश्य के लिए अगले छह महीने में कम से कम एक लाख करोड़ रुपये की पीपीपी परियोजनाएं शुरू करने का लक्ष्य तय किया गया है। परियोजनाओं के प्राथमिकता के आधार पर आवंटन तथा कार्यान्वयन पर निगरानी के लिए एक संचालन समिति गठित की जा रही है। बयान के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा कि ढांचागत क्षेत्र में सुधार के लिए काफी काम किया जाना है और काम की गति धीमी नहीं पड़नी चाहिए। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 28, 2013, 20:23