‘पेटेंटयुक्त दवाओं पर आगे का शोध स्वीकार्य नहीं’

‘पेटेंटयुक्त दवाओं पर आगे का शोध स्वीकार्य नहीं’

नई दिल्ली : वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक समीर ब्रह्मचारी ने कैंसर की दवा ग्लिवेक के लिये नोवार्तिस के पेटेंट आवेदन खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने सोमवार को कहा कि इस प्रकार के पेटेंटयुक्त दवाओं पर किये गये आगे का शोध स्वीकार्य नहीं है।

ब्रह्मचारी ने कहा कि पेंटेटयुक्त दवाओं का पेंटेट बढ़ाने के लिये नये शोध स्वीकार्य नहीं है। एक दवा से लाभ के मामले में सीमा होनी चाहिए।

ब्रह्मचारी वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग में सचिव भी है।

उन्होंने कहा कि ग्लिवेक बेहतरीन खोज थी लेकिन यह 20 साल पहले का मामला है। दवा के अणुओं में थोड़ा-बहुत सुधार कर पेंटेट अवधि बढ़ाना अनुचित है। (एजेंसी)

First Published: Monday, April 1, 2013, 22:51

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