Last Updated: Wednesday, December 12, 2012, 14:35

नई दिल्ली : पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री वीरप्पा मोइली ने आज वादा किया कि निर्णय प्रक्रिया को तेज किया जायेगा और समझौतों की पवित्रता को बरकरार रखा जायेगा। मोइली ने वर्ष 2017-18 तक देश की पेट्रोलियम आयात निर्भरता कम करके कुल खपत का 50 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य तय किया है।
मोइली ने आज यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के एक कार्यक्रम में कहा, हम निर्णय लेने के लिये यहां हैं। यदि हम इससे दूर भागेंगे तो हम कमजोर पड़ जायेंगे। उन्होंने कहा निर्णय प्रक्रिया को तेज किया जायेगा और सभी लंबित मुद्दों को जल्द से जल्द निबटाया जायेगा।
बीपी इंडिया के प्रमुख शशी मुकुंदन ने यह बेठक में यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि कानूनों को बदलकर समझौतों की पवित्रता को चुनौती दी जा रही है। गैस मूल्य और विपणन की स्वतंत्रता को छीना जा रहा है।
मोइली ने कहा कि उनका उद्देश्य विशेषज्ञों और प्रशासन के बीच टकराव के बजाय समन्वय बढ़ाना है। उन्होंने कहा, अनुबंधों की पवित्रता को बरकरार रखा जायेगा। कैग एक लेखापरीक्षक है। वह अपना काम करेगा। हम अपना काम करेंगे। प्रशासनिक मंत्रालय होने के नाते हमें अपना काम करना होगा, उन्हें संतुष्ट करना होगा और उनकी शंकाओं का समाधान करना होगा।
मोइली ने कहा, हमें हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में निवेश और निवेशकों का विश्वास बढ़ाने के लिये उपयुक्त नीतियां बनानी होंगी। यह सरकार और तेल कंपनियां घरेलू क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने के उपाय कर रही हैं और इसके साथ ही विदेशों में भी तेल संपत्तियों का अधिग्रहण किया जा रहा है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 12, 2012, 13:18