Last Updated: Sunday, February 3, 2013, 22:14

पारादीप : ओड़िशा में पॉस्को की बहुप्रचारित इस्पात परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम प्रशासन की एक साल से अधिक समय तक की चुप्पी के बाद आज पुलिस तथा प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के बीच फिर शुरू हो गया।
दक्षिण कोरिया की इस्पात कंपनी पॉस्को की ओड़िशा के जगतसिंहपुर में 52,000 करोड़ रुपये की लागत से इस्पात परियोजना लगाना चाहती है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण का एक साल से भी अधिक समय से ठप्प था।
अधिग्रहण प्रक्रिया कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शुरू हुई लेकिन इस दौरान हिंसा को लेकर दावे व प्रतिदावे किए गये हैं। आरोप है कि पुलिस ने परियोजना का विरोध कर रहे लोगों पर लाठियां चलाईं जिसमें कुछ गांव वाले घायल हो गए।
जिला कलेक्टर एस के मलिक ने कहा, ेपारादीप के निकट गोबिंदपुर में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई। पान की खेती करने वाले जो किसान जमीन देना चाहते हैं उनके जमीन के हस्तांतरण तक यह काम चलता रहेगा। े अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट सुरजीत दास ने कहा, ‘‘जिन लोगों ने पहले ही सहमति दे दी है उनकी भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है।’’
सूत्रों का कहना है कि पॉस्को परियोजना का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया जिसमें पुलिस प्रशासन के पांच वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने कहा कि पुलिस ने गोबिंदपुर को जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। पुलिस ने गोबिंदपुर-धिनकिया सड़क को भी बंद कर दिया। पड़ोसी इरसामा, कुजांग तथा जगतसिंहपुर के लोग आगे की कार्रवाई के लिए इकट्ठे हो रहे हैं।
परियोजना के खिलाफ 2005 से आंदोलन चला रही पॉस्को प्रतिरोध संग्राम समिति के नेताओं का आरोप है कि पुलिस ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जो अधिग्रहण टीम के गोबिंदपुर में प्रवेश का विरोध करने की कोशिश कर रहे थे। लाठीचार्ज में महिलाओं सहित छह लोग घायल हुए हैं। जबकि दास ने पुलिस बल के इस्तेमाल के आरोप का खंडन किया है।
दास ने कहा कि काम शांतिपूर्ण ढंग से चला और दावा किया कि घटना में किसी को चोट नहीं पहुंचे। बालीटिकिरा, गोबिंदपुर में पॉस्को परियोजना के विरोधी बीते 20 दिन से धरने पर बैठे हैं। उस इलाके में लगभग 400 पुलिसकर्मी तैनात हैं। भूमि अधिग्रहण के समय ओड़िशा औद्योगिक ढांचा निगम तथा पोस्को इंडिया के अधिकारी मौजूद थे। (एजेंसी)
First Published: Sunday, February 3, 2013, 22:14