Last Updated: Tuesday, September 3, 2013, 16:36
नई दिल्ली : दक्षिणी राज्यों से आवक बढने के साथ प्याज अगले कुछ दिनों में सस्ता हो सकता है। अभी यह 60-70 रुपए प्रति किलो के भाव चल रहा है। यह बात आज यहां सरकार ने कही। पिछले डेढ़ माह से देश के ज्यादातर भागों में प्याज की खुदरा कीमतें आसान पर हैं। बीच में भाव 80 रुपए प्रति किलो ग्राम तक तक पहुंच गया था। इससे सरकार को मजबूरन इसके निर्यात पर नियंत्रण लगाना पड़ा व आयात को मंजूरी देनी पड़ी।
कृषि सचिव आशीष बहुगुणा ने आज कहा, आंध्रप्रदेश से प्याज की नयी फसल बाजार में आने लगी है। बाजार में आवक बढ़ने से आने वाले दिनों में कीमत कम होगी। उनसे पूछा गया था कि प्याज की कीमत कब तक घटेगी। उन्होंने आईसीएआर के एक समारोह में कहा कि प्याज के थोकमूल्य और खुदरा कीमत में बहुत फर्क है। खुदरा विक्रेताओं को लाभ कम रखना चाहिए।
कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में कुल मिला कर सालाना 38-40 लाख टन प्याज का उत्पादन होता है। देश का कुल प्याज उत्पादन 2012-13 में 166.55 लाख टन था। आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक पिछले एक महीने में बेंगलुरू की थोक मंडी में प्याज की आवक तीन गुनी बढ़कर दैनिक 30,000 टन और हैदराबाद में 10,000 टन तक पहुंच गयी है। बहुगुणा ने कहा कि दक्षिण से आने वाले दिनों में आवक बढ़ने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय राजधानी में आपूर्ति के प्रभावित होने से प्याज की थोक कीमत पांच रुपए बढ़कर 45-50 रुपए प्रति किलो हो गई है। हालांकि प्याज उत्पादक राज्यों से आपूर्ति बढ़ने के साथ हालात बेहतर होने की उम्मीद है। सहकारी संस्था नाफेड राजधानी में अपनी पांच दुकानों और मोबाइल वैन के जरिए कम दर कीमत पर प्याज बेच रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक प्याज की आवक कम होने के कारण एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासल गांव में प्याज की कीमत तीन किलो बढ़कर 43 रुपए प्रति किलो हो गई। (एजेंसी)
First Published: Tuesday, September 3, 2013, 16:36