प्रणब को उम्‍मीद, 8 फीसदी रहेगी विकास दर - Zee News हिंदी

प्रणब को उम्‍मीद, 8 फीसदी रहेगी विकास दर

 

नई दिल्ली : वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को कहा कि वैश्विक मंदी भारत की वृद्धि की संभावनाओं को प्रभावित करेगी, लेकिन उम्मीद जताई कि मुद्रास्फीति दिसंबर से कम होनी शुरू हो जाएगी। हालांकि, उन्होंने यह उम्‍मीद भी जताई कि यदि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था आठ फीसदी की दर से वृद्धि दर्ज करती है तो यह जश्न की वजह होगी।

 

पिछले वित्त वर्ष 2010-11 में आर्थिक वृद्धि 8.5 फीसदी रही थी। चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि की संभावनाओं का हवाला देते हुए प्रणब ने कहा कि यह वैश्विक आर्थिक मंदी से प्रभावित रहेगी। उन्होंने आर्थिक संपादकों के सालाना सम्मेलन में यहां कहा कि भारत आठ फीसदी वृद्धि दर्ज करेगा, यह प्रसन्नता का विषय होगी। मुखर्जी ने वैश्विक आर्थिक समस्याओं के लिए आर्थिक मंदी और बढ़ती मुद्रास्फीति दोनों को जिम्मेदार ठहराया विशेष तौर पर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कच्चे तेल की बढ़ती कीमत को जो 105 डालर प्रति बैरल के ऊंचे स्तर पर है।

 

उन्होंने दहाई अंक के करीब बढ़ती मुद्रास्फीति के लिए मुख्य तौर पर वैश्विक जिंसों की बढ़ती कीमत को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति नौ फीसदी के आसपास अटकी हुई है, मुझे उम्मीद है कि थोक मूल्य सूचकांक आधारित सकल मुद्रास्फीति दिसंबर से घटेगी और मैं आशन्वित हूं कि वित्त वर्ष सात फीसदी के साथ समाप्त होगा। रिजर्व बैंक की ओर से उठाए गए कदमों के बावजूद सकल मुद्रास्फीति दहाई अंक के आस पास टिकी हुई है। अगस्त महीने में यह 9.78 फीसदी पर थी।

 

उन्होंने कहा कि आरबीआई की सख्त मौद्रिक नीति ने चालू वित्त वर्ष के दौरान वृद्धि को भी प्रभावित किया है। पहली तिमाही (अप्रैल-जून,2011-12) के दौरान अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.7 फीसदी रही जो पिछले 18 महीने का निम्नतम स्तर है। मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए आरबीआई ने मार्च 2010 से नीतिगत दरें 12 बार बढ़ाईं। उन्‍होंने यह भी उम्‍मीद जताया कि अप्रैल से अगस्त में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश दोगुना होकर 16.8 अरब डालर हो जाएगा।

(एजेंसी)

First Published: Wednesday, October 19, 2011, 16:41

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