Last Updated: Thursday, February 2, 2012, 10:58
नई दिल्ली : वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने सीमा शुल्क विभाग से राजस्व वसूली बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि हालांकि, पिछले 50 वर्षों में शुल्क वसूली कई गुणा बढ़ी हैं लेकिन सरकार की जरूरतें उससे कहीं ज्यादा बढ़ी हैं।
मुखर्जी गुरुवार को यहां सीमा शुल्क विभाग के स्वर्ण जयंती वर्ष की शुरुआत पर आयोजित समारोह का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने पुराने दिन याद करते हुए कहा, ‘आजादी के समय 1947 में सीमा शुल्क वसूली मात्र 50.50 करोड़ रुपये के आसपास हुआ करती थी जबकि आज यह 1.47 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। कई गुणा वृद्धि हुई है, इसके बावजूद हम राजस्व वसूली बढ़ाने का दबाव बनाए हुए हैं, क्योंकि हमारी जरूरतें इससे कहीं ज्यादा बढ़ गई हैं।’
पुराने समय को याद करते करते मौजूदा परिस्थितियां सामने आ गई। इस साल सरकार का राजकोषीय घाटा बजट अनुमान से कहीं ज्यादा होने की आशंका बनी हुई है। राजस्व वसूली बजट अनुमान से पीछे चल रही है जबकि खर्चे बजट अनुमान से कहीं आगे निकल गये हैं। बजट में राजस्व घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है जबकि इसके 5.5 प्रतिशत तक पहुंचने की आशंका व्यक्त की जा रही है। यही वजह है कि वित्त मंत्री राजस्व वसूली बढ़ाने का दबाव बनाये हुये हैं।
इस बीच, केन्द्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) चेयरमैन एस.के. गोयल ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिये तय उत्पाद एवं सीमा शुल्क वसूली के लक्ष्य को हासिल कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा, ‘लक्ष्य हासिल कर लेने की उम्मीद है, दिसंबर तक हमने 73 प्रतिशत अप्रत्यक्ष कर वसूली कर ली है, उम्मीद है कि मार्च तक यह शतप्रतिशत हो जायेगी।’ इस साल के बजट में सीमा शुल्क से 1,50,000 करोड़ और उत्पाद शुल्क से 1,64,000 करोड़ तथा सेवाकर के जरिये 82,000 करोड़ रुपये वाषिर्क वसूली का अनुमान लगाया है। दिसंबर तक इसका औसतन 73 प्रतिशत हासिल कर लिया गया है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, February 2, 2012, 16:38