प्रतिरोध और हिंसा के कारण ओड़िशा परियोजना रद्द की: आर्सेलर

प्रतिरोध और हिंसा के कारण ओड़िशा परियोजना रद्द की: आर्सेलर

नई दिल्ली : ओड़िशा में 12 अरब डॉलर की इस्पात परियोजना को रद्द करने के लिए आलोचना झेल रही आर्सेलर मित्तल ने आज नयी कंपनी शुरू नहीं कर पाने और नयी कंपनी शुरू करने का अनुभव नहीं होने के आरोप को खारिज किया और कहा कि परियोजना स्थल पर प्रतिरोध और हिंसा शुरू होने से पहले उसने अच्छी प्रगति की थी।

विश्व की इस सबसे बड़ी इस्पात निर्माता के प्रवक्ता ने कहा, आर्सेलरमित्तल ने ओड़िशा में नयी परियोजना स्थापित करने की हर कोशिश की। प्रतिरोध और हिंसा शुरू होने से पहले हम अच्छी प्रगति कर रहे थे। यह टिप्पणी ओड़िशा के एक मंत्री और इस्पात मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी के बयान के बाद आई है जिसमें कहा गया कि कंपनी कभी भी 1.2 करोड़ टन सालाना की क्षमता वाले इस्पात संयंत्र को स्थापित नहीं करना चाहती थी और उसे नयी परियोजना स्थापित करने का अनुभव नहीं है। उल्लेखनीय है कि आर्सेलर ने पिछले सप्ताह मंजूरी में बड़ी देरी का हवाला देते हुए परियोजना रद्द कर दी।

आर्सेलरमित्तल ने कहा, कंपनी ने कई महत्वपूर्ण पड़ाव पार कर लिए थे मसलन व्यवहार्यता रपट तैयार हो गई थी, पर्यावरण के असर के आकलन का अध्ययन व अन्य सहायक तकनीकी रपट हो गई थीं और आठ ग्राम सभाओं के साथ सार्वजनिक सुनवाई हुई थी।ओड़िशा सरकार की एजेंसी इपिकॉल ने 2010 में समीक्षा की थी जिसमें उसने परियोजना की प्रगति को संतोषजनक बताया था। ओड़िशा सरकार की तरह इस्पात मंत्रालय के एक अधिकारी ने भी कहा कि कंपनी के पास नयी परियोजना स्थापित करने का कोई अनुभव नहीं है। आर्सेलर कभी क्योंझर संयंत्र स्थापित करने के प्रति गंभीर नहीं है।

अधिकारी ने कहा, उन्होंने 2006 में समझौता किया। जब ओड़िशा सरकार के साथ समझौता हुआ था तो लोगों को बड़ी आशंकाएं थीं, मित्तल (आर्सेलरमित्तल के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी एल एन मित्तल) के पास नयी परियोजनाएं स्थापित करने का कोई अनुभव नहीं है। उन्हें मुख्य तौर पर अधिग्रहण करने वाले व्यक्ति के तौर पर देखा जाता है। मेरे विचार से कंपनी ने जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं किया। जबकि आर्सेलरमित्तल के प्रवक्ता ने कहा कि समूह के पास नयी परियोजनाएं स्थापित करने वैश्विक स्तर का अनुभव है।

उन्होंने कहा, आर्सेलरमित्तल लाइबेरिया में विशाल नयी परियोजना स्थापित कर रहा है जिसमें 270 किलोमीटर रेल नेटवर्क और एक बड़े बंदरगाह का विकास शामिल है। नए खान की क्षमता 1.5 करोड़ टन सालाना होगी जिसमें 50 लाख टन सालाना की क्षमता वाली खान का परिचालन हो रहा है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, July 23, 2013, 18:34

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