Last Updated: Friday, August 31, 2012, 16:06
नई दिल्ली : कंपनी मामलों के मंत्री वीरप्पा मोइली ने शुक्रवार को कहा कि प्रस्तावित राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा नीति के जरिए उत्पादकों, किसानों और व्यापारियों के लिए कारोबार का स्वस्थ प्रतिस्पर्धी माहौल बनने से ही मुद्रास्फीति को काबू में रखा जा सकेगा।
मोइली ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के लिए बेहतर माहौल बनने से उत्पादकों, किसानों, व्यापारियों सहित सभी को बेहतर अवसर उपलब्ध होंगें। उन्होंने कहा कि इससे कई तरह के फायदे होंगे।
मोइली आज यहां इंस्टिट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, जब कभी हमारा मुद्रास्फीति और अर्थव्यवस्था से जुड़ी दूसरी समस्याओं से सामना होता है, हम हमेशा रिजर्व बैंक और दूसरे बैंकों की तरफ देखते हैं कि वे क्या कदम उठाते हैं।
उन्होंने कहा कि विभिन्न आर्थिक नीतियों में उचित कारोबारी सिद्धांतों को समाहित करने के लिये एक राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा नीति के मसौदे पर विचार विमर्श जारी है।
उल्लेखनीय है कि थोक मुद्रास्फीति जुलाई माह में 6.87 प्रतिशत रही है।यह स्तर रिजर्व बैंक के संतोषप्रद स्तर से अभी भी काफी उपर है। हालांकि, जून के मुकाबले जुलाई में मुद्रास्फीति नीचे आई है। इस दौरान खाद्य मुद्रास्फीति जिसका सकल थोक मूल्य सूचकांक में 15 प्रतिशत तक का योगदान है, जुलाई में 10.06 प्रतिशत पर टिका रहा।
मोइली ने इस अवसर पर यह भी कहा कि सरकार ने आर्थिक पैमानों पर आधारित एक कारोबार विकास सूचकांक लाने की योजना बनाई है ताकि भारतीय कारपोरेट क्षेत्र की ताकत जाहिर हो सके।
मोइली ने कहा कि सूचकांक तैयार करने का जिम्मा एक विश्वसनीय एजेंसी को दिया जाएगा। उन्होंने कहा, यह सूचकांक आर्थिक पैमानों पर आधारित होगा जिससे कारपोरेट क्षेत्र की सही क्षमता जाहिर होगी।
मोइली ने कहा कि कंपनी मामलों का मंत्रालय अगले कुछ हफ्तों में कंपनियों के लिए उनकी निरंतरता के बारे में जानकारी देने का सुव्यवस्थित ढांचा लेकर आएगा। नए कंपनी विधेयक, 2011 के बारे में मोइली ने कहा कि उन्हें संसद के अगले सत्र में इस बिल के पारित होने की उम्मीद है। इस बिल का लक्ष्य सतत और समावेशी वृद्धि के लिए अच्छा नियामक माहौल पैदा करना है। (एजेंसी)
First Published: Friday, August 31, 2012, 15:55