'प्रोत्साहन पैकेज की जरूरत नहीं' - Zee News हिंदी

'प्रोत्साहन पैकेज की जरूरत नहीं'

नई दिल्ली: योजना आयोग ने शुक्रवार को कहा कि वृद्धि में नरमी को दूर करने के लिये उद्योग को प्रोत्साहन पैकेज देने का कोई मामला नहीं बनता क्योंकि राजकोषीय घाटा उंचा है और यह चालू वित्त वर्ष के बजटीय अनुमान 4.6 प्रतिशत से करीब एक फीसद अधिक रह सकता है।

 

दिल्ली में शुक्रवार को अहलूवालिया ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि प्रोत्साहन के अभाव के कारण नरमी आयी है। राजकोषीय घाटा अनुमान से अधिक रहने की आशंका है, ऐसे में प्रोत्साहन पैकेज का मामला कहां बनता है।’

 

अहलूवालिया ने कहा कि राजकोषीय घाटा बजटीय अनुमान से एक प्रतिशत अधिक रह सकता है लेकिन कारकों का वास्तविक प्रभाव कितना होगा, इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन यह 4.6 प्रतिशत से अधिक रहेगा।

 

सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीने (अप्रैल-अक्तूबर) में 3.07 लाख करोड़ रुपये हो गया है जो बजटीय अनुमान का 74.4 प्रतिशत है। गैर-कर राजस्व में कमी के कारण राजकोषीय घाटा बढ़ा है।

 

आर्थिक वृद्धि दर 2011-12 की जुलाई-सितंबर अवधि में 6.9 प्रतिशत रही जो दो साल का निम्न स्तर है। इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत थी। पहले छह महीने में आर्थिक वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही।

 

आहलूवालिया ने कहा, ‘निवेश कम रहने, राजनीतिक अनिश्चितता तथा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी के कारण नरमी आयी है।’ (एजेंसी)

First Published: Friday, December 2, 2011, 15:25

comments powered by Disqus