Last Updated: Wednesday, April 18, 2012, 12:44
नई दिल्ली : देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) फरवरी माह में 74 प्रतिशत बढ़कर 2.21 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस तरह बीते वित्त वर्ष की अप्रैल से फरवरी की अवधि में देश में कुल एफडीआई प्रवाह 28.40 अरब डॉलर रहा है। पिछले साल फरवरी में देश में 1.27 अरब डॉलर का एफडीआई आया था।
विशेषज्ञों ने कहा कि यदि आर्थिक सुधारों को बढ़ाया जाए, तो उंचा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकषिर्त करने की काफी संभावना बनेगी। फिक्की के महासचिव राजीव कुमार ने कहा, मजबूत सुधारों विशेषकर बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र और बीमा में 100 प्रतिशत एफडीआई की जरूरत है। निवेशकों का भरोसा बढ़ाने की जरूरत है। एक महीने में दो अरब डॉलर का आंकड़ा उंचा नहीं है।
एक अधिकारी ने कहा, 2011-12 के पहले 11 महीनों में जिन क्षेत्रों में बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया उनमें सेवा (5.05 अरब डॉलर), फार्मा (3.21 अरब डॉलर), दूरसंचार (1.99 अरब डॉलर), निर्माण (2.52 अरब डालर), बिजली (1.61 अरब डॉलर) और धातु एवं धातु संबंद्ध उद्योग (1.76 अरब डॉलर) शामिल हैं।
देश में विदेशी निवेश का प्रमुख स्रोत मॉरीशस बना हुआ है। इसकी वजह दोहरा कराधान बचाव संधि है। मॉरीशस से इस दौरान 9.42 अरब डॉलर का एफडीआई आया।
इसके अलावा सिंगापुर से 5.07 अरब डॉलर, जापान से 2.986 अरब डॉलर, ब्रिटेन से 2.75 अरब डॉलर, जर्मनी से 1.54 अरब डॉलर, नीदरलैंड से 1.21 अरब डॉलर और साइप्रस से 1.42 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आया।
देश में 2010-11 में कुल 19.42 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया था। जबकि 2009-10 में एफडीआई का प्रवाह 25.83 अरब डॉलर रहा था। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 18, 2012, 18:14