फिनमैकेनिका ने परिणाम प्रकाशन टाले, निगरानी निकाय का विस्तार किया

फिनमैकेनिका ने परिणाम प्रकाशन टाले, निगरानी निकाय का विस्तार किया

फिनमैकेनिका ने परिणाम प्रकाशन टाले, निगरानी निकाय का विस्तार कियालंदन : विशिष्ट हस्तियों के लिए हेलीकॉप्टर सौदे में घोटाले के चलते इतालवी रक्षा कंपनी फिनमैकेनिका ने 2012 के लिए अपने परिणामों का प्रकाशन टाल दिया है और इसके साथ ही अपने निगरानी निकाय में सदस्यों की संख्या बढ़ा दी है।

कंपनी का भारत के साथ 3,600 करोड़ रुपए का सौदा रिश्वत के आरोपों के चलते विवादों में आ गया। इसकी जांच की जा रही है। कंपनी निदेशक मंडल यानी बोर्ड की बैठक कल हुई जिसमें उसने समूह की आंतरिक आडिट गतिविधियों को केंद्रीकृत करने का फैसला किया है। कंपनी के बयान में कहा गया है कि बोर्ड की बैठक कल वायस चैयरमेन एडमिरल गुइदो वेंतुरोनी की अध्यक्षता में हुई जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए।

बयान में कहा गया है कि पुनर्गठन प्रक्रिया, प्रबंधन गतिविधियों में समन्वय तथा नियंत्रण गतिविधियों को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि निदेशक मंडल ने निगरानी निकाय (सर्विलांस बॉडी) में सदस्यों की संख्या बढ़ाकर अधिकतम पांच कर दी है। नए बाह्य सदस्य भी नियुक्त किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि निदेशक मंडल ने पूर्ण वित्त वर्ष के लिए वित्तीय परिणामों को मंजूरी देने को आगामी बोर्ड बैठक तक टाल दिया है। यह बैठक मार्च या बाद में कभी लेकिन 30 अप्रैल से पहले होगी।

उल्लेखनीय है कि भारत का एक जांच दल इस समय सौदे में रिश्वत के आरोपों की जांच के लिए इस समय इटली में है। इसमें सीबीआई तथा रक्षा मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं। इस दल ने कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक की। इस सौदे के लिए 3600 करोड़ रुपये में 12 हेलीकाप्टर खरीदे जाने हैं। रक्षा मंत्रालय कंपनी को नोटिस जारी कर चुका है। फिनमैकेनिका के सीईओ ग्यूसेप ओर्सी तथा अगस्तावेस्टलैंड के सीईओ ब्रूनो स्पागनोलिनी को इटली के अधिकारी गिरफ्तार कर चुके हैं। आरोप है कि इस सौदे में 362 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई। (एजेंसी)

First Published: Friday, February 22, 2013, 17:39

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