बड़े अमीरों पर अधिक कर, सही कदम : प्रेमजी

बड़े अमीरों पर अधिक कर, सही कदम : प्रेमजी

बड़े अमीरों पर अधिक कर, सही कदम : प्रेमजीदावोस : बड़े अमीरों और धन कुबेरों पर अधिक कर को लेकर जारी बहस के बीच विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने इसे ‘राजनीति’ रूप से सही बताया है लेकिन सरकार की तरफ से इस प्रस्ताव पर अमल किए जाने को लेकर शंका जताई है।

प्रेमजी ने विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बठक में एनडीटीवी से कहा, यह राजनीतिक रूप से सही कदम लगता है, लेकिन मुझे नहीं पता कि यह वास्तव में (आगामी आम बजट में) आएगा। क्या वे कर स्लब में फेरबदल किए जाने के पक्ष में हैं, यह पूछे जाने पर प्रेमजी ने कहा, ‘यह इसपर निर्भर करता है कि वे किस दर से शुरू करते हैं, लेकिन जहां तक धन कुबेर (सुपर रिच) का सवाल है मेरी राय में यह हमारे जैसे गरीब देश में यह सही कदम होगा।’

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) के चेयरमैन सी रंगराजन सहित अनेक विशेषज्ञों ने धन कुबेरों पर अधिक कर लगाने की जरूरत को रेखांकित किया है। वित्तमंत्री पी. चिदंबरम की तरफ से इस बारे में कोई भी फैसला 28 फरवरी को आम बजट पेश होने के बाद ही पता चलेगा।

देश में फिलहाल दो लाख रुपए सालाना आय करमुक्त है, दो से पांच लाख रुपए तक की सालाना आय पर 10 प्रतिशत, पांच से दस लाख रुपए की आय पर 20 प्रतिशत और दस लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाता है।

वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने हांगकांग और सिंगापुर में निवेशकों के साथ अपनी बेठक में संकेत दिया है कि वह कर दरों से तो छेडछाड़ नहीं करेंगे लेकिन कर आधार और राजस्व प्राप्ति बढ़ाने की दिशा में कदम उठाएंगे।

अमेरिकी संसद ने हाल ही में बड़े धनी नागरिकों पर अधिक कर लगाने को मंजूरी दी है, उसके बाद से ही भारत में भी बड़े अमीरों पर अधिक कर लगाने की चर्चा चल पड़ी है। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, January 23, 2013, 22:17

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