Last Updated: Wednesday, December 14, 2011, 11:34
नई दिल्ली : सकल मुद्रास्फीति के लगातार नौ प्रतिशत से उपर बने रहने के बीच प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने बुद्धवार को सलाह दी कि रिजर्व बैंक को बढ़ती कीमतों पर अंकुश बनाए रखने के लिए अपना ध्यान केन्द्रित रखना चाहिए।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सी रंगराजन ने दिल्ली आर्थिक सम्मेलन के मौके पर कहा कि आर्थिक वृद्धि महत्वपूर्ण है लेकिन आरबीआई की जिम्मेदारी है कि वह यह ध्यान रखे कि मुद्रास्फीति कम हो।
उन्होंने कहा, मुद्रास्फीति के ताजा आंकड़ों के मुताबिक यह अभी भी नौ फीसदी से उपर है। इसलिए मुद्रास्फीति से जुड़ी चिंताओं को मौद्रिक संस्थाएं दरकिनार नहीं कर सकती।
आरबीआई ने मार्च 2010 से अब तक मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने के लिए ब्याज दरों में 13 बार बढ़ोतरी की है और शुक्रवार को मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा करेगा। पिछली समीक्षा में केंद्रीय बैंक ने संकेत दिया था कि यदि मुद्रास्फीति के हालात सुधरते हैं तो वह ब्याज दरों में वृद्धि प्रक्रिया को रोक सकता है।
उद्योगों का मानना है कि आरबीआई की सख्त मौद्रिक नीति के कारण निवेश और औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हो रहा है। मुद्रास्फीति के बुद्धवार को जारी आंकड़ों से स्पष्ट है कि नवंबर में मंहगाई दर आंशिक रूप से घटकर 9.11 फीसदी रह गई जो पिछले महीने 9.73 फीसदी थी। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 14, 2011, 18:27