बहुराष्ट्रीय कंपनियों का मुनाफे को कालेधन की पनाहगाहों में रखना आयकर विभाग के लिए बड़ी चुनौती :प्रणब

बहुराष्ट्रीय कंपनियों का मुनाफे को कालेधन की पनाहगाहों में रखना आयकर विभाग के लिए बड़ी चुनौती :प्रणब

नागपुर : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा अपने मुनाफे को कालेधन की पनाहगाह माने जाने वाले देशों में लगाये जाने या कर देने से बचने की प्रवृत्ति को आयकर विभाग के लिए बड़ी चुनौती बताया है। मुखर्जी ने कहा है कि विभाग को इन मुद्दे से सकारात्मक तरीके से निपटना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां कर चोरी या कर से बचने के लिए भारत में अपना ज्यादातर कारोबार अपनी बहुत सी इकाइयों के जरिए करती हैं जो ऐसी जगहों में पंजीकृत हैं जहां कर कम है।

मखर्जी ने कहा, ‘बहुराष्ट्रीय कंपनियों का तीन चौथाई से अधिक कारोबार उनकी विभिन्न इकाइयों के जरिए किया जा रहा है।’’ इन इकाइयों का प्रथमिक उद्येश्य है कि कर चोरी करने या कर से बचने के लिए उन जगहों का चुनाव किया जाए जहां कर कम है। राष्ट्रपति यहां भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 65वें बैच के प्रशिक्षण पूरा कर निकल रहे नए अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। इस बैच में इस बार 115 अधिकारी हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि ‘ट्रांसफर प्राइसिंग’ आयकर अधिकारियों के समक्ष सबसे जटिल मुद्दों में एक है। उन्होंने कहा, आपके सामने ट्रांसफर प्राइसिंग सबसे जटिल कामों में एक है जिससे आप को निपटना है। मुझे इसमें कोई शक नहीं कि आप अपनी मातृभूमि को श्रेष्ठ सेवाएं देंगे। ट्रांसफर प्राइसिंग व्यवस्था के तहत बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने किसी उत्पाद की कीमत को एक देश से दूसरे देश में स्थानांतरित करती है। ऐसी कंपनियां अपनी ज्यादा उस देश में दिखाना चाहती हैं जहां कर कम होता है। (एजेंसी)

First Published: Monday, April 29, 2013, 21:44

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