Last Updated: Sunday, September 16, 2012, 18:41

नई दिल्ली : खुदरा और विमानन क्षेत्र में विदेशी निवेश की अनुमति मिलने से आर्थिक सुधारों की गाड़ी आगे बढ़ने के साथ निकट भविष्य में शेयर बाजार में तेजी का दौर जारी रहने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक की नीति अगले सप्ताह के दौरान बाजार की दिशा निर्धारित करेगी। गणेश चतुर्थी के मौके पर बुधवार को शेयर बाजार बंद रहेगा।
बाजार विश्लेषकों को उम्मीद है कि शुक्रवार को सरकार द्वारा बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खोले जाने तथा विदेशी विमानन कंपनियों को घरेलू विमानन कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति दिये जाने से बाजार में तेजी कायम रहेगी। कोटक सिक्योरिटीज के (प्राइवेट क्लाइंट ग्रुप रिसर्च) उपाध्यक्ष संजीव जरबदे ने कहा कि बाजार का रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही की समीक्षा तथा सरकार के आर्थिक सुधार उपायों पर ध्यान होगा। निकट भविष्य में नकदी समर्थन के कारण बाजार में तेजी कायम रहेगी।
बड़े आर्थिक सुधारों की दिशा में राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने गुरुवार को डीजल के दाम बढ़ाने और सब्सिडीप्राप्त एलपीजी सिलिंडर की आपूर्ति प्रति परविार हर साल छह सीमित करने का निर्णय किया। वहीं शुक्रवार को मंत्रिमंडल और आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई और चार सार्वजनिक उपक्रमों में विविवेश को मंजूरी दे दी।
सीएनआई रिसर्च के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक किशोर ओस्तवल ने कहा, `आर्थिक सुधारों की घोषणाओं के मद्देनजर बाजार निश्चित तौर पर सोमवार को सकारात्मक रुख लिए खुलेगा। हालांकि मुद्रास्फीति के 7.55 प्रतिशत होने तथा डीजल कीमतों में वृद्धि के कारण मुद्रास्फीति के आगे और बढ़ने की उम्मीद को देखते हुए ब्याज दरों में कमी किये जाने की संभावना कम हुई है।`
एम्के ग्लोबल फाइनेंशल सर्विसेज के अर्थशास्त्री और रणनीतिकार धनंजय सिन्हा ने भी कहा कि रिजर्व बैंक अपनी नीति समीक्षा में मुख्य मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है और 17 सितंबर की बैठक में ब्याज दरों में कटौती किये जाने की संभावना नहीं है। अगस्त महीने में सकल मुद्रास्फीति बढ़कर 7.55 प्रतिशत हो गई तथा डीजल कीमतों में वृद्धि के कारण अगले महीने इसमें और वृद्धि हो सकती है।
मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका देखते हुए रिजर्व बैंक सोमवार को निर्धारित मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही की समीक्षा बैठक में ब्याज दरों की कटौती करने से बच सकता है। वहीं दूसरी तरफ भारतीय उद्योग जगत ने आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए ब्याज दरों में कटौती किये जाने की मांग की है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि नीतिगत ठहराव की स्थिति तोड़ने के लिए सरकार कुछ और साहसिक कदम उठा सकती है और जोखिम ले सकती है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, September 16, 2012, 18:41