Last Updated: Friday, June 7, 2013, 19:08

हैदराबाद : डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर के 57 के पार चले जाने के बीच रिजर्व बैंक ने आज कहा कि विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में हस्तक्षेप के पीछे उसका मकसद कोई खास विनिमय दर रखना नहीं बल्कि उतार-चढ़ाव को नियंत्रित रखना और वृहद आर्थिक स्थिरता में संभावित गड़बडी को रोकना है।
आरबीआई गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा, ‘भारत में आरबीआई का लक्ष्य कोई खास विनिमय दर नहीं है। हम मुद्रा बाजार में सिर्फ उतार-चढ़ाव के नियंत्रण और वृहद आर्थिक स्थिति में गड़बड़ी रोकने की कोशिश करते हैं।’ वह इंस्टीच्यूट ऑफ पब्लिक एंटरप्राइज द्वारा आयोजित गोष्ठी को संबोधित रहे थे।
सुब्बाराव ने कहा, ‘महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें आंतरिक तौर पर यह सुनिश्चित करना है कि जब हम बाजार में प्रवेश करें हम भरोसेमंद बने रहें क्योंकि केंद्रीय बैंक का विनिमय दर का बचाव करने में नाकाम रहना काफी नुकसानदेह हो सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘जब रुपए में कमजोरी का रुख होता है तो अपको अपने डालर निकालने होते हैं। बाजार में किसी विनिमय दर की उचित सुरक्षा उसकी सुरक्षा नहीं करने से भी खराब हो सकती है।’
रुपया आज डालर के मुकाबले 57 के स्तर को पार कर दिया। रुपए ने यह स्तर करीब साल भर पहले छुआ था। रुपया डालर के मुकाबले 57.06..07 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। रुपया पिछले साल जून डालर के मुकाबले 57.32 पर पहुंच गया था। चालू खाते के बढ़ते घाटे के संबंध में सुब्बाराव ने कहा कि भारत के चालू खाते के घाटे (कैड) के बारे में तीन चिंताएं हैं। ये हैं कैड की मात्रा, कैड की गुणवत्ता और कैड का वित्तपोषण। (एजेंसी)
First Published: Friday, June 7, 2013, 19:08