'स्पेक्ट्रम हासिल करने में नाकाम कंपनियों को सेवाएं बंद करनी होगी' -Cancelled 2G spectrum allocations must be auctioned: SC

बिना लाइसेंस वाली कंपनियां तुरंत ऑपरेशन बंद करें: SC

बिना लाइसेंस वाली कंपनियां तुरंत ऑपरेशन बंद करें: SC

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निर्देश दिया कि जिन 2जी मोबाइल फोन सेवा कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए गए थे और उन्होंने नये 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी में भाग नहीं लिया या नया स्पेक्ट्रम हासिल नहीं कर सकी हैं, उन्हें अब अपना परिचालन बंद करना होगा। न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि जिन कंपनियां ने गत 12 नवंबर और 14 नवंबर की नीलामी में स्पेक्ट्रम हासिल कर लिया है, उनको अपने अपने सर्किलों में सेवाएं तत्काल शुरू करने को कहा जाएगा।

पीठ ने स्पष्ट किया है कि शीर्ष अदालत का 2 फरवरी, 2012 का आदेश उन दूरसंचार कंपनियों पर लागू नहीं होगा जिनके पास 900 मेगाहर्ड्ज बैंड में स्पेक्ट्रम है। उच्चतम न्यायालय ने कहा, ‘‘जो दूरसंचार कंपनियां नीलामी में विफल रही हैं और जो लाइसेंस रद्द रद्द होने के बाद नए स्पेक्ट्रम की नीलामी में शामिल नहीं हुई, उन्हें अपना परिचालन बंद करने का निर्देश दिया जाता है तथा सफल बोलीदाताओं को अपने अपने सर्किलों में तत्काल सेवाएं शुरू करेंगी।

पीठ ने कहा कि नीलामी में असफल और 2जी स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग नहीं लेने वाली कंपनियों को परिचालन जारी रखने की अनुमति देने से काफी मुकदमेबाजी शुरू हो जाएगी।

न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन की पीठ ने निर्देश दिया कि जिन दूरसंचार कंपनियों को 2 फरवरी, 2012 को लाइसेंस रद्द करने के आदेश के बाद एक निश्चित सयम के लिए परिचालन जारी रखने की अनुमति दी गई थी उन्हें उसके लिए नवंबर, 2012 में हुई नीलामी में निर्धारित आरक्षित दर के हिसाब से शुल्क देना होगा।

उल्लेखनीय है कि शीर्ष अदालत ने लाइसेंस रद्द करने के फैसले के बाद अपने अंतरिम आदेशों से इन कंपनियों के परिचालन जारी रखने की समय सीमा बढ़ा दी थी।

डॉट ने अपने हलफनामे में अपना रुख स्पष्ट किया है, जिसका महत्व है क्योंकि शीर्ष अदालत ने दूरसंचार कंपनियों को 18 जनवरी तक परिचालन जारी रखने की अनुमति दी थी। डॉट ने शीर्ष अदालत से इन आपरेटरों को ताजा निविदा प्रक्रिया तक अस्थायी लाइसेंस जारी करने की अनुमति देने को कहा था। अदालत ने अपने विभिन्न अंतरिम आदेशों से लाइसेंस रद्द वाली दूरसंचार कंपनियों को 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी पूर्ण होने तक परिचालन जारी रखने की अनुमति दी है।

अदालत ने कहा था कि नीलामी उन सभी लाइसेंसों के लिए की जाएगी जिनके लिए 10 जनवरी, 2008 को आशय पत्र जारी किया गया और जिनके लाइसेंस 2 फरवरी, 2012 के शीर्ष अदालत के निर्देश से रद्द हुए।

पीठ ने यह भी कहा कि उसकी चिंता सिर्फ 1800 मेगाहट्र्ज और 800 मेगाहट्र्ज बैंड को लेकर है, 900 मेगाहट्र्ज को लेकर नहीं। शीर्ष अदालत ने 14 जनवरी के अपने आदेश के जरिये मौजूदा 2जी स्पेक्ट्रम वाले आपरेटरों को आगे परिचालन जारी रखने की अनुमति दी। यह समयसीमा अगले आदेश तक आगे बढ़ाई गई है।

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 2 फरवरी को 2जी मोबाइल सेवाओं के 122 लाइसेंस रद्द कर दिए थे। साथ ही दूरसंचार विभाग को चार माह में नई नीलामी करने का निर्देश दिया था। (एजेंसी)

First Published: Friday, February 15, 2013, 11:55

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